कोरोना के खौफ के आलम के दौर में हिदायतों का दौर भी शुरू हो चुका है। लगातार बढ़ते संक्रमण के मामलों ने एक तरफ जहां डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी तो वहीं अनवरत दुरूस्त हो रहे मरीजों की संख्या भी राहत का पैगाम लेकर आ रही है, मगर इस बीच जब सर्दियों का मौसम अपने मुहाने पर दस्तक दे चुका है तो अब फिर से कोरोना को लेकर खतरों का ग्राफ बढ़ता हुआ बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का दावा है कि सर्दियों के मौसम में बढते प्रदूषण के चलते कोरोना का खौफ व रौब दोनों ही अपने चरम पर पहुंच सकता है। सर्दियों के मौसम में संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिल सकता है। लगताार बढते संक्रमण के मामले अब चिंता का सबब बन रहे हैं। उधर, इस संदर्भ में विशेषज्ञ तरह-तरह का दावा कर रहे हैं।
इसी संदर्भ में एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने दावा किया है कि प्रदूषण व सर्दियों में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। प्रदषूण के दौर में कोरोना के मामलों में क्रांतिकारी वृद्धि दर्ज की जा सकती है। गुलेरिया का कहना है कि सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के अधिक संजीदा होने की स्थिति में कोरोना के मामले में 8 से 9 फीसद तक बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में 2.5 पीएम का प्रदूषण दर्ज किया जाएगा। वहां पर प्रदूषण के मामले में 8 से 9 फीसद तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है।
इस सिलसिले में विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ गुलेरिया कहते हैं कि वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़ों में सूजन आ जाती है। उन्होंने कहा कि संभव है कि जहां पर प्रदूषण में इजाफा दिखेगा, वहां पर संक्रमण के मामले अपने चरम पर पहुंच सकते हैं। गुलेरिया कहते हैं कि सर्दियों के् मौसम में बहुधा लोग अपने घरों पर ही रहना पसंद करते हैं। कहीं बाहर आते जाते नहीं हैं, जिसके चलते संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिल सकता है। वहीं, अब इस संकेत के बाद से लगातार लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के प्रति संजीदगी बरतने का पालन करने का आग्रह किया जा रहा है। लोगों से अपील का जा रही है कि वे सभी घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाए, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें।