यूक्रेन (Ukraine) पर रूस का हमला (Russian attack) आम नागरिकों पर बहुत भारी पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations organisation) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्ध से अब तक एक करोड़ यूक्रेनी विस्थापित हो चुके हैं। हमले से स्वास्थ्य सेवाएं (health services) भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और रोज औसतन दो स्वास्थ्य केंद्र रूसी हमले की चपेट में आ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रवक्ता स्तेफान दुजैरिक ने कहा कि युद्ध के कारण यूक्रेन में अपना घर छोड़ने के लिये विवश होने वाले लोगों की संख्या एक करोड़ से भी ज़्यादा हो गई है। यूक्रेन के पूर्वी, पूर्वोत्तर और दक्षिणी इलाक़ों में लड़ाई के कारण फंसे आम लोगों की स्थिति चिंताजनक है। इनमें शेरनीहाइफ़, सूमी, ख़ारकीव, इज़यूम, दोनेत्स्क, माइकोलाइफ़ और मारियूपोल शहर शामिल हैं। 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से हर चौथा व्यक्ति सुरक्षा व बेहतर हालात की तलाश में अपना घर छोड़ने को मजबूर हुआ है। चार करोड़ आबादी वाले यूक्रेन में एक करोड़ लोग विस्थापित हो चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी के मुताबिक इनमें लगभग 65 लाख पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं जो देश के भीतर ही विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक लगभग 35 लाख लोगों ने अन्य देशों में शरण ली है। इनमें तमाम लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। रूसी हमले का शिकार यूक्रेन की स्वास्थ्य सेवाएं भी हो रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्रति दिन औसतन दो स्वास्थ्य केंद्र रूसी हमले का शिकार बन रहे हैं। इससे इलाज मुहैया कराने में भी दिक्कतें आ रही हैं।