सऊदी अरब के इतिहास (In the History of Saudi Arabia) में यह पहली बार (For the First Time) है, जब 81 लोगों (81 People) को एक साथ फांसी दे दी गई (Hanged Together) हो। सऊदी अरब की स्थानीय प्रेस एजेंसी के मुताबिक इन सभी को जघन्य अपराधों में दोषी पाया गया। इनके ऊपर निर्दोष बच्चों, महिलाओं-पुरुषों और अधिकारियों की हत्या का इल्जाम था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस तरह का वाकया इससे पहले 1980 में सामने आया था।
सऊदी अरब के स्थानीय प्रेस एजेंसी ने जानकारी देते हुए कहा कि, जिन्हें फांसी दी गई वह जघन्य अपराधियों में दोषी पाए गए थे। प्रेस एजेंसी की मानें तो इन सभी को अपना पक्ष रखने के लिए वकील की भी सुविधा दी गई थी। इसके अलावा, न्यायिक प्रक्रिया के समय देश के कानूनों के तहत उन्हें सभी तरह के अधिकारों की गारंटी भी दी गई थी। हालांकि, सऊदी प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन्हें फांसी कहां दी गई है।
एजेंसी के मुताबिक, इन आईएसआईएस, अल-कायदा और हूती विद्रोहियों सदस्यों/समर्थको द्वारा बड़ी संख्या में नागरिकों और प्रवर्तन अधिकारियों को मौत के घाट उतारा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि, सरकार आतंकवाद और चरमपंथियों के खिलाफ सख्त कदम उठाती रहेगी। एजेंसी ने कहा कि ऐसे लोग हमारे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की स्थिरता के लिए खतरा होते हैं।
साल 1980 में मक्का में ग्रैंड मस्जिद की जब्ती के 63 दोषियों को सामूहिक तौर पर मौत की सजा दी गई थी। इस घटना में सभी दोषियों के सिर कलम कर दिए थे। उस घटना के बाद 12 मार्च को शनिवार के दिन पहली बार इतनी बड़ी संख्या में दोषियों को एक साथ फांसी दी गई है। जिन दोषियों को फांसी दी गई, उनमें कई यमन के हूती विद्रोही संगठनों, अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के सदस्य या समर्थन वाले लोग शामिल थे।