जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन दक्षिण कश्मीर स्थित अमरनाथ धाम (Amarnath Yatra) की वार्षिक यात्रा में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए 20 हजार की क्षमता वाला यात्री निवास बना रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी जम्मू समभाव के आयुक्त राघव लांगर ने बताया कि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 की वजह से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरानाथ गुफा (Amarnath cave) तक की यात्रा सांकेतिक तौर पर आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया कि इस साल श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है जिससे इस इलाके में पर्यटन की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है जो पिछले दो साल से कोविड-19 की वजह से मंद थी. लांगर ने यह बात शुक्रवार को सरकारी विभागों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बैठक की और वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की. यह यात्रा आमतौर पर श्रावण (जुलाई और अगस्त) महीने पर चलती है.
रेडियो फ्रीक्वेंसी इस्तेमाल करने का फैसला
संभागीय आयुक्त ने कहा कि प्रशासन एक बार में 20 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था कर रहा है. उन्होंने बताया कि श्राइन बोर्ड द्वारा तीन हजार बिस्तरों का यात्री निवास रामबन जिले के चंदरकोटे में बनाया गया है और इससे यात्रियों के रहने की सुविधा बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईटी आधारित प्रौद्योगिकी पर अमल किया है. बोर्ड ने इसबार वाहनों और यात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेन्टफकेशन (आरएफआडी) का इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
कोरोना की तीसरी लहर के मंद पड़ने के साथ अमरनाथ यात्रा 2022 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. जिला स्तर पर यात्रा की तैयारियों को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. देश दुनिया से आने वाले यात्रियों के लिए पड़ाव स्थलों के विस्तार का काम भी चल रहा है. सामान्य तौर पर जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह में अमरनाथ यात्रा शुरू होती है. कोविड संक्रमण के कम होने से इस बार डॉक्टरों की सेवाएं लेने की भी तैयारी की जा रही है. बताया जाता है कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक कर यात्रा को अंतिम रूप दिया जाएगा.
आधुनिक पड़ाव स्थलों का निर्माण किया जा रहा
अमरनाथ यात्रा में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के साथ पड़ाव स्थलों के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके लिए श्रीनगर में 2800, रामबन के चंद्रकोट में 3200 और जम्मू के मजीन में अमरनाथ यात्रियों के लिए 3000 श्रद्धालुओं की क्षमता वाले आधुनिक पड़ाव स्थलों का निर्माण किया जा रहा है