वादे और दावे में मात्र एक वर्ण का स्थान बदला हुआ है लेकिन इन्ही दोनों शब्दों के बीच उत्तर प्रदेश की सियासत सिमटी हुई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान बाद सभी की निगाहें मतगणना पर टिक गयी है। एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनती दिख रही है।
सपा और दूसरे दल जीत के दावे के साथ मतगणना पर निगाहें टिकायें बैठे हैं। मतदान के बाद ईवीएम मशीने सख्त पहरे में रखी गयी हैं। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी निगरानी कर रहे हैं। वाराणसी के साथ ही कुछ जिलों में शिकायतें मिली हैं। शिकायतों के बार सियासी दलों के साथ ही चुनाव आयोग भी विशेष सतर्कता बरत रहा है।
भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने जनता से वादे भी किये और वादों के सहारे जीत के दावे भी किये। वाराणसी में एक ओर जहां प्रधानमंत्री मोदी की साख जुड़ी हुई है तो दूसरी ओर गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ को अपना किला बचाना है। स्थिति स्पष्ट है कि गोरखपुर और बनारस के जरिये ही सत्ता का सफर तय होना है। गोरखपुर में यदि योगी आदित्यनाथ विजय दिलाते हैं तो उनका कद सीएम योगी से और बड़ा हो जाएगा। काशी में यदि पीएम मोदी अपनी साख बचाते हुए भारतीय जनता पार्टी को 2017 वाली विजय दिलाते हैं तो वह एक बार फिर यह तय हो जाएगा कि चुनाव में उन्हीं का चेहरा देखा गया। गोरखपुर और वाराणसी से सीएम योगी और पीएम मोदी यदि विपक्ष को नहीं रोक पायेंगे तो सत्ता का समीकरण पूरी तरह से बदल जाएगा। ज्ञात हो कि पीएम मोदी ने वाराणसी के रोड शो के दौरान अस्सी पर पप्पू की अड़ी पर चाय की चुस्की ले कर काशी वासियों के दिल में उतरने की कोशिश किया। उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार में डमरू भी बताया। प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के दौरान सीएम योगी का नही होना काशी वासियों के लिए एक टीस साबित हुआ। ज्ञात हो मिर्जापुर और चन्दौली में सीएम योगी ने सभा किया। मिर्जापुर की सभा में सीएम योगी और पीएम मोदी साथ-साथ थे।
चुनावी जुमलों ने तोड़ी भाषा की मर्यादायें
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार में भाषा की मर्यादाओं को बार-बार तार-तार किया गया। तमंचावादी, ठोक देंगे, गर्मी उतार देगे, गुंडा, माफियावादी, लाल टोपी, घोर परिवारवादी, घनघोर देशभक्त, चिलमजीवी, बाबा मुख्यमंत्री, अब्बा जान, जिन्ना से एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप होते रहे। साहित्य सौन्दर्य के साथ जीने वाली पूर्वांचल की जनता अशिष्ट शब्दों को अस्वीकार कर चुकी है। वह भाषाई वाग्जाल से बाहर निकल चुकी है।
निशाने पर रहे अखिलेश, बढ़ता रहा कद
पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार में बार-बार समाजवादी पार्टी, मुख्य विपक्ष, 2017 से पहले की सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश पर पीएम मोदी के हमले से सपा अध्यक्ष की कद में लगातार इजाफा होता गया। इस दौरान अखिलेश ने सावधानी बरतते हुए पीएम मोदी पर निशाना नहीं साधा बल्कि भाजपा और योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लेते रहेे।
मयंक और संघमित्रा के सामने सियासी भविष्य
चुनाव के आखिरी चरण में सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेकर भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका दिया है। सपा में शामिल होने के साथ एक नई सियासी तस्वीर उभर कर सामने आयी है। मां रीता बहुगुणा जोशी भारतीय जनता पार्टी में बनी हुई हैं और बेटा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया है तो ठीक ऐसी ही तस्वीर स्वामी प्रसाद मौर्या की है। वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं लेकिन उनकी बेटी सांसद संघमित्रा बीजेपी की सदस्य बनी हुई है।
अब मतगणना शुरू होने में कुछ ही घंटे बचे हैं। 61 दिनों के लम्बे चुनाव अभियान का समापन मतगणना के साथ ही सम्पन्न हो जायेगा और प्रदेश को नई सरकार मिल जाएगी।