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जमानत मिल जाने के बाद भी नहीं मिली आशीष मिश्रा को राहत, जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे

बीते गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur kheri) मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जमानत दे दी है. इस हिंसा में चार किसानों के साथ साथ 8 लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन शायद वो अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. ऑर्डर के हिसाब से मिश्रा को सभी सेक्शन में जमानत (Bail) नहीं दी जाने वाली है. इस मामले में लखीमपुर खीरी पुलिस (Police) ने आशीष मिश्रा के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 326, 34, 427 और 120बी के साथ सेक्शन 3/25, 5/27 और आर्म्स एक्ट के 39 में चार्जशीट दर्ज की है. तो वहीं हाईकोर्ट के ऑर्डर के हिसाब से मिश्रा को आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307स 326, 427 और सेक्शन 34 और आर्म्स एक्ट के 30 में जमानत दी गई.

इन बातों का नहीं जिक्र

जो आदेश दिया गया है उसमें कहीं भी सेक्शन 302 और 120बी के बारे में कोई बात नहीं की गई है. ये दोनों सेक्शन ही मर्जन और आपराधिक षडयंत्र के लिए लगाए जाते हैं. मिश्रा के एक वकील ने बताया क बीते दिन बेल बॉन्ड फाइन न कर सकेंगे. तो वहीं वकील ने बताया कि वो बेल ऑर्डर में सुधार कर सेक्शन 302 और 120बी के लिए अर्जी लगाने वाले हैं. इसके बाद ही वो बेल के लिए अर्जी लगाएंगे.

विपक्ष ने किया हमला

आशीष मिश्रा को बेल मिल जाने की वजह से विपक्षी दल फिर से हमलावर हो गया है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. तो वहीं आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने ट्वीट में लिखा कि क्या व्यवस्था है! चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में जमानत और वहीं बीकेयू प्रवक्ता सौरभ उपाध्याय ने कोर्ट द्वारा मंत्री के बेटे को जमानत को लोकतंत्र पर हमला बताया है. मोदी सरकार का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि मर्डर के चार्ज में बेल मिलना इतना आसान होता है क्या?