मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा(CM Conrad K Sangma) और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात करेंगे. दोनों मुख्यमंत्री बैठक के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए गृह मंत्री को अपनी सिफारिशे सौंपेंगे. संगमा ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि बैठक शाम छह बजे के बाद दिल्ली में होगी. एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि हम कमोबेश एक सामान्य रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और फिर भारत सरकार को कानूनों के अनुसार आगे बढ़ना होगा. उन्होंने आगे बताया कि मेघालय की क्षेत्रीय समितियां और असम सरकार की सिफारिशों को आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) को दिया जाएगा.
असम और मेघालय मंत्रिमंडल ने दोनों राज्यों के बीच पांच दशक पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए Give-and-take फॉर्मूले को मंजूरी दे दी गई है. पहले चरण में 12 विवादित क्षेत्रों में से छह क्षेत्रों का समाधान किया जाएगा. जिसमें
हाहिम, गिज़ांग, ताराबारी, बोकलापारा, खानापारा-पिलिंगकाटा और रातचेरा शामिल है. वहीं अन्य छह क्षेत्रों, जहां विवाद अधिक जटिल हैं, उसपर बाद में विचार किया जाएगा. योजना के अनुसार सीमा का सीमांकन संसद प्रक्रिया के बाद किए जाने की उम्मीद है. वहीं जरूरी क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को भी लगाया जाएगा.
1972 से दोनों राज्यों के बीच विवाद
1972 में मेघालय को असम से अलग कर राज्य बनाया गया है. दोनों राज्य 733 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. पिछले कुछ वर्षों में दोनों पड़ोसी राज्यों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले विभिन्न समुदायों के बीच कई झड़पें हुई है. मेघालय कम से कम 12 इलाकों पर अपना दावा ठोकता रहा है. वह इलाके फिलहाल असम के कब्जे में हैं. दोनों राज्यों ने एक नीति अपना रखी है. जिसके तहत कोई भी राज्य दूसरे राज्य को बताए बिना विवादित इलाकों में विकास योजनाएं शुरू नहीं कर सकता. यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मेघालय ने असम पुनर्गठन अधिनियम 1971 को चुनौती दी. अधिनियम के तहत असम को जो इलाके दिए गए थे, उसे मेघालय ने खासी और जयंतिया पहाड़ियों का हिस्सा होने का दावा किया था. इस साल 21 जनवरी को मेघालय अपना 50वां स्थापना दिवस मनाएगा और दोनों राज्यों की सरकारें स्वर्ण जयंती समारोह से पहले विवाद सुलझाने में जुटी है.