उत्तर प्रदेश (UP Election 2022) में पहले चरण के चुनाव (Election 2022) के लिए आज अधिसूचना जारी हो गई है और इसी बीच राज्य का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है. राज्य में Samajwadi Party सभी छोटे दलों के साथ गठबंधन बना रही है और अब पार्टी भीम आर्मी के साथ चुनावी करार कर सकती है. इसी सिलसिले में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव से मुलाकात की. असल में भीम आर्मी का पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में प्रभाव है. वहीं एसपी और आरएलडी ने कई जिलों में अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. लिहाजा आने वाले दिनों में एसपी भीम आर्मी को भी कुछ सीटें अपने गठबंधन में दे सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों से बातचीत चल रही है. लेकिन इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है. वहीं चंद्रशेखर गुरुवार को भी एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की. चंद्रशेखर आजाद ने पहले ही कहा था कि उनकी पार्टी ने तय कर लिया है कि उसे गठबंधन करना चाहिए और चुनाव में उतरना चाहिए. वहीं दूसरी और एसपी राज्य में बीजेपी के खिलाफ मौर्चा बना रही है और अभी तक इस मौर्चे में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, पीपुल्स पार्टी (सोशलिस्ट), राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), अपना दल (कम्युनिस्ट), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), महान दल, टीएमसी शामिल हो चुकी हैं.
वेस्ट यूपी में एसपी को फायदा पहुंचा सकती है भीम आर्मी
असल में एसपी ने पश्चिम यूपी में आरएलडी के साथ गठबंधन किया है और दोनों ही दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी हो चुकी है. फिलहाल एसपी और आरएलडी दलित-मुस्लिम-जाट के समीकरण पर जोर दे रही हैं. इस आधार पर भीम आर्मी इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती है. वेस्ट यूपी में जाटों की आबादी 20 फीसदी, मुस्लिमों की आबादी 30 से 40 फीसदी और दलित की आबादी 25 फीसदी से ज्यादा है. लिहाजा अगर तीनों दल साथ आते हैं तो बीजेपी को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है.