उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दावा है कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में किसी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है। राज्य में तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र चल रहा है और कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने विधान परिषद में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बारे में जानकारी मांगी थी। सवान का जवाब देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने लिखित जवाब दिया है कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। उनके इस बयान के बाद विधानसभा में हंगामा मच गया। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का ये बयान उसकी मुसीबत बन सकता है।
ज्ञात हो कि देश में कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल से जून के बीच आई थी और इस दौरान देश में हजारों लोगों की मौत हुई थी। श्मशान घाट पर लाशों को जलाने के लिए जगह नहीं बची थी। गंगा की तलहटी में लोग रेत में शवों को ढक कर चले गये। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश में कई हजार लोगों की मौत हुई थी। देश के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें आई थीं और इससे यूपी भी अछूता नहीं था। ऑक्सीजन के लिए हर जगह लाइनें लगी थीं और इस दौरान कई लोगों की मौत हुई थी और उनकी मौत का कारण ऑक्सीजन की उपलब्धता ना होना बताया गया था। ऑक्सीजन कमी, बेड की अनुपलब्धता संकट बन गया था।
विपक्ष को मिला मुद्दा
अब उत्तर प्रदेश सरकार के इस दावे के बाद विपक्ष हंगामा खड़ा कर सकता है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान चुनावी साल में मुद्दा बन सकता है। माना जा रहा है कि योगी सरकार का ये दावा उसके लिए चुनाव में मुसीबत बन सकता है। राज्य सरकार का कहना है कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी मरीज की मौत नहीं हुई।