आचार्य चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और प्रकांड अर्थशास्त्री थे. उन्हें जीवन दर्शन का ज्ञाता माना जाता है. वे किसी भी परिस्थिति का समय से पहले ही सटीक आकलन कर लेते थे और उससे निपटने के लिए रणनीति बना लेते थे. यही वजह है कि उन्होंने समूचे नंदवंश का नाश कर मौर्य वंश की स्थापना की.
आचार्य चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के बाद वहीं काफी समय तक शिक्षक के तौर पर काम किया था. इस दौरान आचार्य ने कई रचनाएं भी कीं. उनमें से कुछ रचनाएं आज भी काफी लोकप्रिय हैं. चाणक्य नीति भी उनमें से एक है. चाणक्य नीति में आचार्य ने जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं का जिक्र किया है. यहां जानिए वो तरीके जिनसे धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है. माता लक्ष्मी की कृपा होने पर परिवार में धन संपदा की कोई कमी नहीं रहती.
1. घर की स्वच्छता
आचार्य चाणक्य के अनुसार माता लक्ष्मी को घर में बुलाना है तो साफ सफाई का विशेष खयाल रखें. जिस घर में स्वच्छता रहती है, वहां पर ही माता लक्ष्मी का वास होता है.
2. पैसों से किसी का अहित न करें
धन का प्रयोग कभी किसी को हानि पहुंचाने के लिए न करें. धन का हमेशा सदुपयोग करना चाहिए. अपनी आय में से किसी जरूरतमंद को दान देना चाहिए. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. लेकिन अगर धन से आपने दूसरों का अहित किया तो मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं और घर में दरिद्रता आ जाती है.
3. गलत कार्यों से धन अर्जित न करें
चाणक्य नीति के अनुसार धोखाधड़ी या गलत कार्यों से अर्जित किया गया, कभी आपके पास नहीं टिक पाता. ऐसा धन पूरे परिवार का नाश कर देता है. इसलिए धन को परिश्रम से कमाएं और अपनी कमाई से दूसरों का हित भी करें. इससे आपके पैसे में बरक्कत होती है.
4. बचत जरूर करें
आचार्य चाणक्य का मानना था कि आपके पास चाहे कितना ही धन हो, उसे व्यर्थ में खर्च न करें. धन की सेविंग करें. बुरा समय आने पर यही बचत का धन सच्चे मित्र की तरह आपका साथ निभाता है. इसलिए हर व्यक्ति को धन की बचत करना जरूर सीखना चाहिए.