एक बार फिर से नए साल में बिजली उपभोगताओं (Electricity Consumers) को झटका लग सकता है. बिजली कंपनी (Electricity company) बिहार में बिजली के दर बढ़ाने को लेकर विद्युत विनियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) के पास अपना प्रस्ताव रखा है. हर साल 15 नवंबर को कंपनी अपना प्रस्ताव आयोग को सौंपता है उसमें बिजली कंपनी मुनाफा-घाटा को भी रखती है. बिजली कंपनी ने प्रस्ताव में विद्युत विनिमय आयोग को ज्ञापन सौंपा है जिसमें स्पष्ट है कि बिजली आपूर्ति में कम्पनी को घाटा हो रहा है. जिसको देखते हुए सभी श्रेणी में 10 प्रतिशत की बिजली दर बढ़ाने का अनुरोध विनियामक आयोग से किया है.
बता दे कि नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिजली की दरों में 10% की बढ़ती का प्रस्ताव दिया है. बिजली बढ़ाने का प्रस्ताव पर विनियामक आयोग अपने स्तर से सुझाव समीक्षा करेगी फिर अंतिम निर्णय पर पहुंचेगी. लेकिन इतना तो तय है कि बिजली कंपनी अपने प्रस्ताव में बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है इसमें जनमानस की भी राय विनियामक आयोग लेगी हालांकि दिन-समय तय नहीं हुआ है. उसके बाद अंतिम निर्णय होगा.
2022 में बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का झटका लग सकता है. बिजली कंपनी ने साफ तौर पर बिजली आपूर्ति के खर्च में वृद्धि को आधार बनाते हुए सभी श्रेणी में 10 फीसदी दर बढ़ाने का अनुरोध किया है. यानी की शहर से लेकर ग्रामीण कुटीर उद्योग से लेकर बड़े उद्योग तक के बिजली की दरों में 10% की बढ़ोत्तरी हो सकती है. बिजली कंपनी बिजली आपूर्ति में हुई वृद्धि को देखते हुए दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. अब देखना होगा कि अगले साल अप्रैल माह से बिजली की दर में विनियामक आयोग बढ़ोतरी करती है या लोगों को राहत देती है?