इस वर्ष दीपावली का पावन त्योहार 4 नवंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। दीपावली हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के दौरान जल में पाई जाने वाली कुछ चीजें पूजा स्थल पर रखकर आप मां लक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार जल का संबंध चंद्रमा से होता है।
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, चंद्रमा की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी और माता लक्ष्मी भी समुद्र से ही प्रकट हुई थीं। इसी कारण दीपावली की रात को माता लक्ष्मी की पूजा में जल में पाई जाने वाली 6 चीजों को शामिल करना बेहद शुभ माना जाता है और आप धन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में सफल हो सकते हैं।
शंख
दिवाली पर महालक्ष्मी पूजन में शंख का प्रयोग अवश्य करें क्योंकि शंख दुख और दरिद्रता को दूर करता है। पूजा में शंख बजाने से नेगेटिव एनर्जी तो दूर होती ही है साथ ही आपकी पूजा भी सफल होती है। शंख भी पानी में ही मिलता है इसलिए पूजन सामग्री में इसको अवश्य शामिल करना चाहिए। मान्यताओं की मानें तो शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना जाता है क्योंकि दोनों का ही प्रादुर्भाव समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। यदि आपके पास दक्षिणावर्ती शंख है तो यह बेहद उत्तम माना जाता है। क्योंकि जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख होता है, वहां मां लक्ष्मी सदैव निवास करती हैं। ध्यान रहे रात में पूजा करते समय शंख न बजाएं इससे लाभ की बजाय हानि हो सकती है।
गोमती चक्र
महालक्ष्मी पूजन में गोमती चक्र का भी प्रयोग करना चाहिए। गोमती नदी में शीप जैसी एक सफेद चीज मिलती है, जिस पर चक्र बना होता है उसे गोमती चक्र कहा जाता है। माना जाता है कि इस पर अंकित चक्र भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र होता है, जो नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है। देवी लक्ष्मी की पूजा करते वक्त 11 गोमती चक्र देवी लक्ष्मी के साथ रखें पूजन के बाद इसे लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रख दें। इससे कमाई के साथ साथ बरकत भी होती है।
जल सिंघाड़ा
जल सिंघाड़ा जल से उत्पत्ति होने की वजह से मां लक्ष्मी को यह बहुत ही प्रिय है। इसलिए दिवाली की महालक्ष्मी पूजन में सिंघाड़े का इस्तेमाल मां के प्रसाद के रूप में अर्पित करना चाहिए। सिंघाड़े के साथ देवी लक्ष्मी को मखाने भी भेंट करना चाहिए, जो जल ही प्राप्त होता है। माना जाता है कि दिवाली पर माता लक्ष्मी का अन्य चीजों के साथ सिंघाड़ा का भी भोग लगाया जाए तो सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
कमल पुष्प
दीवाली के दिन महालक्ष्मी की पूजा में कमल के फूल का बेहद महत्व है। माना जाता है कि धन वृद्धि और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए दीपावली की रात महालक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करना बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। कमल के फूल जल में पाए जाते हैं इसलिए माता लक्ष्मी इनको पसंद करती हैं। कमल को शुभ, सौंदर्य ज्ञान और आर्थिक संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। माता लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करने से आर्थिक पक्ष तो मजबूत होता ही है साथ ही यह आपकी आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी शुभ होता है।
समुद्र का जल
यदि समुद्र का जल मिल जाए तो इसे भी दिवाली की रात मां लक्ष्मी की पूजा में अवश्य शामिल करें क्योंकि देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र से हुई थी। इस नाते समुद्र को देवी लक्ष्मी का पिता माना जाता है। पूजा के वक्त एक कलश में समुद्र का जल भरकर रख लें और पूजा के बाद इस जल से घर में छींटे देना चाहिए, इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ता है।
मोती
दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा में मोती पूजा स्थल पर रखें और अगले दिन इसे धारण कर लें तो इससे आपको बहुत लाभ मिलता है। मोती धारण करने से न सिर्फ आपको धन-धान्य की प्राप्ति होती है बल्कि मानसिक रूप से भी आप सशक्त होते हैं। मोती चंद्रमा का रत्न होता है और मोती भी समुद्र से प्राप्त होता है इसलिए यह माता लक्ष्मी का यह प्रिय रत्न है।