उत्तर प्रदेश के पुलिस ने कानपुर में बीजेपी कार्यकर्ता अजय तिवारी (34) हत्याकांड का सोमवार को खुलासा कर सपा कार्यकर्ता सहित पांच आरोपियों को जेल भेज दिया। कानपुर पुलिस ने दो आरोपियों को रविवार रात और अन्य तीन को सोमवार सुबह अरेस्ट कर लिया। सभी आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल लिया है।
बताया जा रहा है सपा कार्यकर्ता की अजय से पुरानी रंजिश थी। उस रात मुलाकात हुई है। जिसके बाद गाली गलौज के दौरान सभी ने मिलकर अजय की हत्या कर दी। दशहरा की रात पनकी रतनपुर निवासी अजय तिवारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। एसीपी कल्याणपुर दिनेश कुमार शुक्ला के अनुसार मामले में मुख्य आरोपी सपा कार्यकर्ता धर्मेंद्र सिंह और उसके साथी दीपू भदौरिया, सुनील चतुर्वेदी, संतोष पांडेय और मक्कू ठाकुर को अरेस्ट कर जेल भेजा गया है।
पुलिस ने संतोष और मक्कू को रविवार रात ही अरेस्ट कर लिया था। धर्मेंद्र सहित अन्य तीन सोमवार सुबह पकड़े गए। पुलिस ने जब आरोपियों से पूछताछ की तो मालूम चला कि अजय और धर्मेंद्र की कोई दुश्मनी नहीं थी। असल में, अजय के दोस्त पवन सविता व धर्मेंद्र के दोस्त आशीष मिश्रा का पनकी एमआईजी स्थित एक जमीन को लेकर पहले से विवाद चल रहा है।
इन दोनों के विवाद के कारण अजय और धर्मेंद्र की भी रंजिश चली आ रही थी। आरोपियों ने कहा दशहरा वाली रात केसा चौराहे पर दोनों का आमना सामना हुआ। जिसके बाद विवाद होने लगा। विवाद बढ़ा तो धर्मेंद्र व उसके साथियों ने अजय को पीट-पीटकर मरने की हालत में छोड़ दिया। अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
साजिश भी रची
धर्मेंद्र ने कहा जब अजय मरने की हालत में हो गया था तब उसको कटियार चौराहे के पास फेंक दिया था। उसके बाद उसने खुद के बचाव के लिए साजिश भी रची। उसके अनुसार तब उसने तय किया कि वह पहले ही पुलिस में शिकायत कर देगा। अपने रिश्तेदार से पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दिलाई कि कटियार चौराहे पर हादसा हो गया है। जिसमें एक युवक घायल भी हो गया है। जिसके बाद खुद अजय के खिलाफ चौकी में तहरीर भी दे दी थी।