विधानसभा चुनाव आते ही जातिगत समीकरण पर सभी राजनीतिक दल पूरी तैयारी के साथ जुट गये हैं। भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के बाद अब समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मणों के सहारे चुनाव की नैया पार लगाने को तैयारी कर रही है। बहुजन समाज पार्टी के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी ब्राह्मण वोट बैंक पर नजर जमा ली है। सपा जल्द ही ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं से मुलाकात भी की है। समाजवादी पार्टी का यह ब्राह्मण सम्मेलन उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से शुरू होगा। ब्राह्मण नेताओं ने अखिलेश यादव को भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट की।
ब्राह्मण चेतना मंच और सपा के पूर्व विधायक संतोष पांडेय ने कहा कि अखिलेष यादव ब्राह्मण सम्मेलन करने वाले हैं। समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण सम्मेलन करने का फैसला लिया है। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में 13 फीसदी ब्राह्मण हैं, जिनके मतों विभिन्न दल हासिल करना चाहते हैं। पिछले दिनों बसपा ने भी प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी के बहाने ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की थी। 23 जुलाई से अयोध्या से शुरू किया गया ब्राह्मण सम्मेलन पांच चरण में होगा। सभी का आगाज यूपी के अलग-अलग धार्मिक नगरी से किया जा रहा है। अब इसी तरह समाजवादी पार्टी भी तैयारी कर रही है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और मायावती के करीबी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया था।
उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश के 13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलित मिलकर भाईचारा कायम कर लें तो राज्य में बसपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने इस दौरान ब्राह्मणों पर होने वाले उपेक्षा को याद दिलाया। प्रयागराज में बसपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन और विचार गोष्ठी का आयोजन सोमवार को होगा। सैदाबाद के माधुरी गेस्ट हाउस में यह गोष्ठी होगी। इस मौके पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा गोष्ठी को संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी ने भी ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए जतिन प्रसाद को भाजपा में शामिल किया था।