नासा एक बार फिर से इतिहास रचने को तैयार है. मंगल ग्रह पर नासा का हेलीकॉप्टर (Ingenuity) भीषण सर्दी का सामना करने के बाद तकनीकी दिक्कतों से भी जूझ रहा था. मगर अब इसे सही कर लिया गया है. नासा के मुताबिक एक हफ्ते की देरी के बाद सोमवार को यह हेलीकॉप्टर ऐतिहासिक उड़ान भर सकता है. यह पहला मौका है जब किसी दूसरे ग्रह पर कोई हेलीकॉप्टर उड़ान भरेगा. इस वजह से पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं.
हालांकि रोवर की तरह इस हेलीकॉप्टर के उड़ने की तस्वीरों और वीडियो को तुरंत नहीं देखा जा सकेगा. इस वजह से नासा को यह जानने के लिए इंतजार करना होगा कि उसका मिशन सफल रहा या नहीं. कैलिफोर्निया स्थित टीम को सोमवार को इसका पहला डाटा मिलेगा. नासा की वेबसाइट पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी. पहले यह उड़ान 11 अप्रैल को भरी जानी थी, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते ऐसा नहीं हो सका.
इस चीज पर टिकी है सफलता
नासा के मुताबिक हेलीकॉप्टर की देख रही टीम ने इसके सॉफ्टवेयर को भी अपडेट किया है. इसने रैपिड स्पिन टेस्ट को पास कर लिया है. अब आगे का सफर इसे खुद तय करना होगा, वो भी पृथ्वी से बिना किसी मदद के. अभी यह बिल्कुल सही हालत में है और सही से काम कर रहा है. नासा का कहना है कि अगर हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करने और कुछ दूर तक घूमने में सफल रहा, तो सफलता के चांस 90 फीसदी तक हो सकते हैं. अगर यह सफलतापूर्वक लैंड हुआ, तो चार और फ्लाइट्स टेस्ट की जाएंगी.
क्यों पड़ी हेलीकॉप्टर की जरूरत
दरअसल मंगल ग्रह की बहुत सी सतह अभी अनदेखी ही हैं और वो काफी उबड़-खाबड़ भी हैं. मंगल की कक्षा में चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर से एक सीमा तक ही देखा जा सकता है जबकि रोवर का भी हर सतह तक पहुंचना मुमकिन नहीं है. इसी वजह से हेलीकॉप्टर या रोटरक्राफ्ट की जरूरत होती है, जो मुश्किल जगहों पर जाकर भी उच्च क्वालिटी की तस्वीरें ले सके.