पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में तीसरे चरण का मतदान मंगलवार की छिटपुट हिंसा के बीच समाप्त हुई. सुबह 7:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक होने वाले मतदान के दौरान मतदाता 205 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. शाम छह बजे तक औसत 77.68% मतदान हुआ है. हुगली में सर्वाधिक 79.29%, हावड़ा में 77.92% और दक्षिण 24 परगना में 76.74% मतदान हुआ है. मतदान के दौरान खानाकुल में हिंसा के मामले चार लोगों, आरामबाग में हिंसा के मामले में 5 और उलबेड़िया में हिंसा के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.
तृणमूल कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले तीन जिलों दक्षिण 24 परगना, हुगली और हावड़ा की 31 सीटों पर तीसरे चरण का मतदान हुआ. दक्षिण 24 परगना की 16, हुगली की आठ और हावड़ा की 7 सीटों पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा.
चुनाव आयोग ने आठ रिटर्निंग अधिकारियों को हटाया
मंगलवार की सुबह मतदान शुरू होने के पहले ही टीएमसी नेता के घर से ईवीएम और वीवीपैड मिलने से माहौल गरमा गया है और अंततः चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई की और सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर पुलिस ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया. मतदान के दौरान दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर विधानसभा क्षेत्र, आरामबाग विधानसभा सुर्खियों में बना रहा. चुनाव आयोग ने कोलकाता और दक्षिण कोलकाता के 8 रिटर्निंग अधिकारियों को हटा दिया है.
दिन भर छिटपुट होती रही हिंसा
दक्षिण 24 परगना में बीजेपी के उम्मीदवार दीपक हालदार ने आरोप कि टीएमसी के गुंडे मतदान करने नहीं दे रहे हैं. वहीं आरामबाग में टीएमसी की उम्मीदवार सुजाता मंडल पर लाठी लेकर उन्हें दौड़ाने का आरोप लगा, जबकि ममता बनर्जी ने फिर से केंद्रीय वाहिनी पर पक्षपात का आरोप लगाया. तारकेश्वर सीट से प्रतिद्वंद्विता कर रहे पद्म भूषण स्वपन दासगुप्ता भी सुर्खियों में रहे. उनकी गाड़ी पर हमला किया गया, जबकि उलबेरिया उत्तर के तृणमूल के डॉ. निर्मल माझी को प्रदर्शन से बचने के लिए हेलमेट पहन कर भागना पड़ा.