ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी है। यह मामला आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मनी लॉन्ड्रिंग का है। दीपक कोचर को पिछले साल सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने 30 जनवरी को ईडी के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत और मामले के अन्य आरोपियों को तलब किया था।
पहले चंदा कोचर को मिली थी जमानत
12 फरवरी को चंदा कोचर को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने जमानत दे दी थी। उन्हें पांच लाख रुपये के बांड और बिना अनुमति विदेश यात्रा न करने की शर्त पर जमानत मिली है। कोचर पर वेणुगोपाल धूत को लोन देने के एवज में घूस लेने का आरोप है।
क्या है मामला?
कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने सितंबर 2020 में दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली आईसीआईसीआई बैंक की एक समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी, और कर्ज जारी करने के अगले दिन वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने आठ सितंबर 2009 को 64 करोड़ रुपये न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को हस्तांतरित किए।
एनआरपीएल के मालिक दीपक कोचर हैं। पहले सुनवाई में नंदगांवकर ने कहा था कि पीएमएलए के तहत उपलब्ध कराई गई सामग्री, लिखित शिकायतों और दर्ज बयानों को देखते हुए ऐसा जान पड़ता है कि चंदा कोचर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपी धूत और वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को कर्ज दिए। न्यायाधीश ने कहा कि, ‘ऐसा जान पड़ता है कि उन्होंने अपने पति के जरिये रिश्वत या अनुचित लाभ उठाया।’ अदालत ने कहा कि ईडी ने जो सामग्री उपलब्ध कराई है, वह आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला चलाने के लिए पर्याप्त है।