प्रत्येक वर्ष फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन (Holika Dahan) होता है और उसके अगले दिन होली (Holi) मनायी जाती है। इस वर्ष होलिका दहन 28 मार्च रविवार को और रंगों वाली होली 29 मार्च सोमवार को मनाई जाएगी। पूरे भारत में होली का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। ब्रज भूमि में तो हफ्ते भर पहले से ही होली की खुमार छाया रहता है। इस वर्ष भी लड्डू की होली, लट्ठमार होली इन सबकी शुरुआत हो चुकी है और रंग-गुलाल उड़ रहे हैं। इस बार होली के मौके पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं जिसके कारण त्योहार का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
एक साथ होंगे शनि और बृहस्पति
हिंदू पंचांग और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार इस बार कई वर्षों बाद होली पर विशेष योग (Special Yoga) बन रहा है। दो सबसे बड़े ग्रह शनि और देव गुरु बृहस्पति होली के दिन एक साथ एक ही राशि में विराजमान होंगे। शनि (Shani) और गुरु (Guru) दोनों होली के दिन मकर राशि में होंगे। गुरु और शनि की युति की वजह से होली के मौके पर गुरु और शनि की पूजा करने से परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। गुरु और शनि के साथ आने का यह योग मेष, कर्क, सिंह, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए बेहद लाभकारी होगा।
शुक्र और सूर्य भी होंगे होली पर एक साथ
होली के दिन शुक्र (Venus) और सूर्य (Sun) ये दोनों एक साथ मीन राशि में रहेंगे। मंगल और राहु दोनों वृषभ राशि में, बुध कुंभ राशि में और केतु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। साथ ही चंद्रमा कन्या राशि में रहेगा। ग्रहों की चाल के अलावा भी इस बार होली कई मायनों में खास है क्योंकि होली पर सर्वार्थ सिद्धि योग, ध्रुव योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र में भी इसे बहुत ही शुभ माना जाता है।
होलिका दहन वृद्धि योग और प्रदोष काल में
रविवार 28 मार्च को दोपहर में 01.53 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी। इस प्रकार होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं होगा। साथ ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम में 06.20 से लेकर रात में 08.41 बजे तक का है जो प्रदोष काल (Pradosh Kal) का समय है जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। होलिका दहन के समय वृद्धि भी योग बन रहा है जो सभी शुभ कर्मों में बढ़ोतरी और उन्नति प्रदान करने वाला है।