आज का दौर ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) का है. घर बैठे ही हम अपनी जरूरत की तमाम चीजें मंगा लेते हैं. मगर इसमें प्रॉडक्ट को लेकर संशय बना रहता है कि वो असली होगा या नहीं. नकली निकला तो क्या इसे हम वापस कर पाएंगे? तो हम जैसे लोगों के लिए सरकार नया नियम लाने की तैयारी में है. डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार सेफगार्ड के उपाय कर रही है. राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति के मसौदे में यह प्रस्ताव किया गया है. नीति में कहा गया है कि सरकार निजी और गैर-निजी डेटा पर मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है.
अभी यह नीति विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है. इसके साथ ही किसी उद्योग के विकास के लिए डेटा इस्तेमाल की पॉलिसी तय की जाएगी. उघोग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सीनियर अधिकारी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में इस मसौदे पर विचार विचार-विमर्श किया गया.
उपभोक्ताओं को मिले प्रॉडक्ट की हर जानकारी
मसौदे में कहा गया कि उपभोक्ताओं को प्रॉडक्ट और सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां मिलनी चाहिए. उन्हें इस बात की पूरी जानकारी देनी चाहिए कि संबंधित उत्पाद का मूल देश कौन सा है. भारत में मूल्य में क्या जोड़ा गया है. मसौदे में कहा गया है कि उचित प्रतिस्पर्धा के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां अपने मंच पर रजिस्टर्ड सभी विक्रेताओं और वेंडरों के साथ समानता वाला व्यवहार बर्ताव करें.
नकली हुआ प्रॉडक्ट तो ई-कॉमर्स कंपनी की जिम्मेदारी
मसौदे में यह भी कहा गया है कि इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके मंच पर बिकने वाला प्रॉडक्ट नकली ना हो. इसके लिए सेफ गार्ड के उपाय करने होंगे. यदि किसी भी ई-कॉमर्स कंपनी के मंच से जाली उत्पाद बेचा जाता है तो इसकी जिम्मेदारी ऑनलाइन कंपनी और विक्रेताओं की होगी. मसौदे में कहा गया है कि औद्योगिक विकास के लिए डेटा साझा करने को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके लिए डेटा रेगुलेशन तय किए जाएंगे.
सरकार लगातार उठा रही है कदम
बता दें कि ऑनलाइन शॉपिंग वाले मंच से नकली प्रॉडक्ट की बिकने की शिकायतें बहुत पहले से आती रही हैं. कई बार ग्राहकों को इसके चलते भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए सरकार ई-कॉर्मस की खामियों को दुरुस्त करने के लिए तमाम तरह के कदम उठा रही है. ताकी आने वाले समय में ये बाजार लोगों की जीवन-शैली को आसान बनाए.