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यूपी में एक ऐसा थाना जहां चारों तरफ लगे है शीशे, थानेदार के कमरे से सीधा दिखती है हवालात, जाने और भी खासियते

यूं तो इस मेरठ थाने में 16 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन थानेदार के कमरे से बिना सीसीटीवी कैमरे के भी हवालात तक नज़र आता है. क्या आप यकीन करेंगे कि एक थाने में चारों तरफ शीशे लगे हों. क्या आप यकीन करेंगे कि थानेदार के कमरे से सीधा हवालात तक देखा जा सकता हो. थाने में पेड़-पौधे, साफ-सफाई मैंटेन रजिस्टर इत्यादि हो. आज हम आपको मेरठ का ऐसा थाना दिखाएंगे, जहां पहली नजर पड़ने पर आपको लगेगा जैसे आप किसी विदेशी थाने पहुंच गए हों. इस थाने में हर वो चीज़ मौजूद है, जिसके बारे में आप कम से कम थानों में कल्पना नहीं कर सकते.

थाना ये शब्द सुनते ही एक अलग सी तस्वीर ज़हन में उभरती है. आमतौर पर आप किसी उत्तर प्रदेश के थाने में दाखिल होंगे तो आपको सबसे पहले टूटी-फूटी गाड़ियों का अंबार नज़र आएगा.थानों की जर्जर इमारत नज़र आएगी. खस्ताहाल कुर्सियां भी देखने को मिल सकती हैं. रौबीले पुलिसकर्मी मूंछे ताने हुए आपसे पूछेंगे कैसे आना हुआ? लेकिन आज हम आपको ऐसे थाने ले चलेंगे जिसे देखकर आपकी पहली प्रतिक्रिया यही हो सकती है कि क्या हम किसी मॉल या किसी शोरूम में आ गए हैं. हम बात कर रहे हैं मेरठ के टीपीनगर थाने की. इस थाने का ऐसा कायाकल्प हुआ है कि ये थाना लगता ही नहीं है बल्कि ऐसा लगता है जैसे किसी शोरूम में आ गए हों.

थाने के अंदर दाखिल होते ही आपको हर ओर शीशा ही शीशा नज़र आएगा. थाने के रूम में दाखिल होंगे तो आपको शानदार फर्नीचर नज़र आएगा. सीसीटीवी कैमरे चमकते हुए नज़र आएंगे. और थाने का हर सामान ऐसे रखा हुआ नज़र आएगा जैसे आज ही साफ-सफाई हुई हो. आमतौर पर किसी थाने के मुंशी से मुलाकात करने के लिए आप अगर गए होंगे तो आपकी मुलाकात एक बेहद ऊंची कुर्सी पर बैठे हुए ख़ाकी वर्दीधारी से हुई होगी. मुंशी जी एक पुराना सा रजिस्टर निकालकर आपकी शिकायत पर ग़ौर फरमाते नज़र आए होंगे. लेकिन इस थाने में तो एकदम अलग ही नजारा देखने को मिलेगा. और तो और इस थाने में मुफ्त वाईफाई की भी सुविधा है.

ख़ास बात ये भी है कि थानेदार के कमरे के साथ साथ कार्यालय के भी हर कैमरे में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. कुल मिलाकर इस थाने में सोलह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. महत्वपूर्ण ये भी है कि सीसीटवी कैमरे के अलावा इस शीशे वाले थाने में बिना सीसीटीवी के भी थानेदार हवालात में बैठे हुए शख्स को देख भी सकते हैं. कह सकते हैं कि ये थाना ट्रांसपेरेंट हैं. बस ज़रूरी है कि काम भी उसी पारदर्शिता के साथ हो जितना पारदर्शी ये शीशे वाला थाना दिखता है. एसएसपी मेरठ ने गुरुवार को इस थाने का उद्घाटन किया और कहा कि यह एक आदर्श थाना बनेगा.