शिभक्त पूरे साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2021) का बेसब्री से इंतजार करते हैं और इस वर्ष शिव भक्तों को महाशिवरात्रि का अधिक लाभ मिल पाएगा. क्योंकि इस बार शिव योग के साथ कई विशेष योग बन रहे हैं. ऐसे में जो भी लोग सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करेंगे उन्हें बेहद लाभ मिलेगा. ऐसी मान्यता है कि अगर शिव योग में शिवरात्रि मनाई जाई तो इससे पूजा का सौ गुना लाभ प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसी के साथ व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति मिलती है. तो आइए जानते हैं कि इस बार किस दिन महाशिवरात्रि मनाई जाएगी और पूजा का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) क्या रहेगा.
कब है महाशिवरात्रि?
भगवान शिव की उपासना का दिन यानि महाशिवरात्रि (Mahashivratri) इस वर्ष 11 मार्च को मनाई जाएगी.इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता और चारों तरफ सिर्फ बम-बम बोले के जयकारे सुनाई देते हैं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि की पूजा के लिए निशिता काल विशेष तौर पर जाना जाता है जो 12 मार्च को 12:06 से 12:55 तक रहेगा. इसके अलावा अन्य पूजा मुहूर्त, 11 मार्च को सायं 06:27 मिनट से रात्रि 09:29 मिनट तक, 12 मार्च को रात्रि 09:29 मिनट से 12:31 मिनट तक, 12 मार्च को प्रात: 12:31 मिनट से प्रात: 03:32 तक, 12 मार्च को प्रात: 03:32 मिनट से 06:34 मिनट तक रहेगा.
कैसे करें भगवान शिव का अभिषेक
ऐसा माना जाता है कि भोले भंडारी को प्रसन्न करना काफी आसान होता है और सिर्फ जल चढ़ाने भर से वह खुश होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. लेकिन महाशिवरात्रि का दिन बेहद खास होता है इसलिएइस दिन भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ माना गया है. आप अभिषेक के लिए कच्चा दूध, दही, शहद, धतूरे और भांग समेत अन्य चीजों का उपयोग कर सकते हैं.
शिव पंचाक्षरी का करें जप
यूं तो भोले भंडारी अपने भक्तों पर सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं, लेकिन कहा जाता है कि शिव जी को महाशिवरात्रि का दिन प्रिय होता है और इस विशेष दिन पर लोग उपवास भी करते हैं. साथ ही मंदिरों में जाकर भगवान शिव की अतिप्रिय चीजें अर्पित करते हैं व अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं. ऐसा कहा गया कि, पूजा के समय ओम नमः शिवाय अर्थात पंचाक्षरी का जप करना चाहिए. इस मंत्र को काफी शक्तिशाली और पवित्र माना जाता है.