बिहार के पूर्णिया जिले में 12 साल की बच्ची के साथ बर्बरता का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे पढ़ कर आपका खून खौल जाएगा. मामला जिले के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के रजनी चौक का है, जहां सीआईडी में कार्यरत दारोगा नितेश चौधरी के घर दरभंगा की रहने वाली एक 12 वर्षीय बच्ची बीते 2 साल से काम करती थी. काम करने वाली बच्ची के साथ आये दिन दारोगा बाबू और उसकी पत्नी मारपीट करते थे. लेकिन हद तब हो गयी जब बीते 3 दिन से उस बच्ची को लोहे के सरिया से पीटा गया. उसके जिस्म को गर्म लोहे से जलाया गया.
घटना के संबंध में बच्ची ने बताया कि किसी तरह अपनी जान बचाकर वह शनिवार को सुबह घर से भाग निकली. सुबह 6 बजे जब सब सो रहे थे, तब वो घर का दरवाजा खोल कर भागी और हटिया की राह ले ली. वहां उसकी मुलाकात किसी महीला से हुई, महिला को उसने अपनी आप बीती सुनाई. महिला ने उसे नास्ता कराया और चाइल्ड लाइन को सूचना दी. पूर्णिया चाइल्ड लाइन की सदस्य लवली सिंह ने बताया कि जैसे ही चाइल्ड लाइन को इस बात की सूचना मिली वो मौके पर पहुंचे और बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया और पूर्णिया चाइल्ड लाइन ले आए. फिलहाल विभाग आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
चाइल्ड लाइन लायी गयी बच्ची ने बताया कि वो 2 साल से दारोगा बाबू के परिवार की प्रताड़ना का शिकार हो रही थी. उसके जिस्म पर गर्म लोहे से जलाने पर बने जख्म के निशान हैं. बहरहाल, चाइल्ड लाइन पहुंच कर खुद को सुरक्षित महसूस कर रही बच्ची को अपने घरवालों के इंतेजार है. बच्ची का कहना है कि अब वो नितेश चौधरी के घर नहीं जाएगी. 2 साल पहले उसके घर से नितेश और उनकी पत्नी ने उसे अपने घर ले आए थे. बच्ची को अपने घर वालो का नम्बर पता नहीं है, जिस कारण उसे अभी तक चाइल्ड लाइन की कस्टडी में रखा गया. महिला थाना पुलिस भी मामले में संज्ञान ले रही है.