15 फरवरी को देशभर में गणेश जयंती मनाई जाएगी. इस दिन को हम माघ विनायक चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं. यह पर्व माघ महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. दक्षिण भारतीय मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजा करने से मनोकामना भी पूर्ण होती है.
गणेश जयंती के दिन का भी विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही साथ बुद्धि भी बढ़ती है. कहते हैं कि भगवान गणेश को इस दिन लाल वस्त्र चढ़ाकर उनकी आराधना करने से सारे दुःखों का निवारण हो जाता है. भगवान गणेश की पूजा से मनोकामनाएं भी पूरी होती है. उनकी आराधना करने से रुका हुआ काम भी फिर से शुरू हो पाता है. हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है.
जानिए क्या है पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर लोग स्नान करते हैं. इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर साफ स्थान पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसके बाद चारों ओर गंगाजल का छिड़काव किया जाता है. भगवान गणेश को सिंदूर से तिलक भी लगाई जाती है. इस दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश की आरती की जाती है. साथ ही साथ प्रसाद का भी वितरण किया जाता है.
जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश जयंती के शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को रात 1 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा. वहीं, 16 फरवरी (सोमवार) को सुबह 3 बजकर 36 मिनट पर चतुर्थ तिथि की समाप्ति होगी. पूजा मुहूर्त की बात करें तो सुबह 11 बजकर 28 मिनट से लेकर 1 बजकर 43 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 14 मिनट की होगी.