सिंदूर केवल लाल रंग होने का संदेश नहीं देता बल्कि यह महिलाओं की भावनाओं को भी दर्शाता है। कहा जाता है कि यदि सिंदूर की कीमत जाननी हो, तो किसी सुहागन से पूछिए। किसी सुहागन महिला के लिए तो सिंदूर की अहमियत है ही, लेकिन पूजा-पाठ में भी इसका खास महत्व होता है। कहा जाता है कि हिन्दू देवियों की पूजा सिंदूर के बिना अधुरा सा रहता है।
स्त्री जीवन और धार्मिक कार्यों के आलावा भी सिंदूर का विशेष महत्व है। चाहे किसी इंसान की जड़े गाँव में हो या शहर में, लेकिन हम सबने देखा है कि घर के दरवाज़े पर सिंदूर का टीका लगाया जाता है। दरवाजे पर सिंदूर का टीका लगाना धार्मिक चिन्ह भी माना जाता है। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि दरवाजे पर सिंदूर के साथ तेल का टीका लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं होता है। ऐसा करने से घर में मौजूद वास्तुदोष भी दूर होता है।
यदि घर में आए दिन कलह होता है या हमेशा घर के सदस्य नकारात्कम बातें करते हो, तो दरवाजें पर या दरवाजें के बगल में सिंदूर का पांच टीका लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-शान्ति बनी रहती है. घर के सभी वास्तु दोष ख़त्म हो जाएगें तथा माता लक्ष्मी की कृपा भी घर पर हमेशा बनी रहती है। ध्यान रहे सिंदूर के टीका लगाते समय सरसों के तेल का भी उपयोग करें। ऐसा करने से आपके घर-परिवार पर बुरी नजर नहीं पड़ती।