एक ओर जहां पूरे देश में राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रीमंडल के विस्तार को रोका गया हुआ है, तो वहीं राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) अपनी रैलियों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. सचिन इन दिनों कृषि कानूनों (Farm Laws) का जमकर विरोध कर रहे है, जिसके लिए वो जगह जगह पर किसान रैलियां कर रहे हैं. इनके माध्यम से सचिन किसानों के लिए अलग अलग मुद्दे पेश कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ वह हाईकमान को ये संदेश दे रहें है कि लोग उनके साथ खड़े हैं. सचिन पायलट ने मंगलवार को भरतपुर के बयानों में किसानों के लिए एक विशाल रैली के सामने अपनी बात रखी.
वफादार विधायकों का ही चुनाव
सचिन पायलट ने विधानसभा क्षेत्रों को इन रैलियों के लिए अपने वफादार विधायकों को ही चुना है. इसमें दौसा के विधायक मुरारी लाल, बयाना के विधायक अमर सिंह और चाकसू के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी से शामिल हैं. साल 2020 में ये सारे विधायकों ने सचिन का साथ दिया था. इतना ही नहीं पायलट की रैली में अन्य विधायकों के तौर पर विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, गजराज खटाना और राकेश पारीक भी दिखाई दिए.
बीते मंगलवार को सचिन की रैली का स्वागत बस्सी और दौसा सहित कई जगहों किया गया, जहां उन्होंने स्थानीय अधिवक्ता संघ की ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया. बयाना में अपने भाषण में लोगों से सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही चाहिए और 76 दिनों से किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका गांधीवादी तरीके से विरोध करने का तरीका सरकार को कानून वापस लेने के लिए मजबूर करेगा.
अंग्रेजी अखबार के अनुसार पायलट ने कहा है कि ‘राहुल गांधी पहले ही दिन से संसद के भीतर और संसद के बाहर किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं. एआईसीसी, पीसीसी, हम सभी पिछले दो महीनों से इस मांग को उठा रहे हैं और अब राहुल राजस्थान आ रहे हैं. इससे किसानों की मांग को आगे बढ़ाने और समर्थन करने में मदद मिलेगी और किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए मैं जो कुछ भी कर सकता हूं वह कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा ‘राज्य में अब तक आयोजित कुछ विरोध प्रदर्शन ‘प्रतीकात्मक” थे और इसलिए इस मुद्दे को और अधिक मजबूती से उठाने की जरूरत थी.