जम्मू कश्मीर से आने वाली एक जानकारी ने सुरक्षा एजेंसियों और सेना के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. इंटेलीजेंस एजेंसियों की तरफ से कहा गया है कि वैध वीजा पर पाकिस्तान जाने वाले कश्मीर के 100 से ज्यादा युवाओं का कुछ पता नहीं चल रहा है.एजेंसियों ने इस आशंका से भी इनकार नहीं किया है कि हो सकता है पाकिस्तान के आतंकी संगठन इन्हीं युवाओं की मदद से घाटी में घुसपैठ को अंजाम दे रहे हों. सूत्रों की मानें तो पाक के आतंकी संगठन अब इन कश्मीर युवाओं को घुसपैठ के लिए प्रयोग करने लगे हैं.
पाकिस्तान ने दिया 399 को वीजा
जनवरी 2017 से पिछले वर्ष जून तक पाकिस्तान उच्चायोग की तरफ से 399 कश्मीरी युवाओं को वीजा जारी किया गया था. इनमे से 218 युवाओं की कोई खबर नहीं है.
इंटेलीजेंस एजेंसियों का कहना है कि ये सभी युवा वैध वीजा पर पाकिस्तान गए थे. पिछले कुछ सालों में कश्मीर से जाने वाले युवाओं को लेकर यह डराने वाली जानकारी पिछले वर्ष अप्रैल-मई में सामने आई थी.
मई 2020 में नॉर्थ कश्मीर के हंदवाड़ा में हुए एनकाउंटर में पांच आतंकी ढेर हुए थे. एनकाउंटर के बाद जब पुलिस ने मारे गए आतंकियों की पहचान की तो इसमें एक आतंकी स्थानीय निकला. ये आतंकी साल 2018 में पाकिस्तान गया था लेकिन वापस नहीं लौटा था. सुरक्षा एजेंसियों ने इसे एक डराने वाला घटनाक्रम करार दिया.
कहीं स्लीपर सेल्स में तो नहीं हुए शामिल
ये युवा या तो वापस ही नहीं लौटे या फिर लौटते ही गायब हो गए. एजेंसियों को आशंका है कि वापस आने वाले युवा स्लीपर सेल्स में शामिल हो गए हैं. अब ये पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के आदेशों का इंतजार कर रहे हैं.
एजेंसियां मान रही हैं कि पाक के हैंडलर्स इन्हें भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों में प्रयोग कर सकती हैं. सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वो पाकिस्तान जाने वाले युवाओं को रोक नहीं सकते हैं बल्कि इसे और नियमित किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने सर्विलांस बढ़ाने की बात भी कही है.
घाटी में घुसपैठ के लिए हो रहा प्रयोग
अधिकारियों का कहना है कि कश्मीर से पाकिस्तान जाने वाले युवाओं का गायब होना एक वास्तविकता है और सिर्फ सर्विलांस बढ़ाकर ही इसे रोका जा सकता है. 1 अप्रैल से 6 अप्रैल 2020 तक साउथ कश्मीर के शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों के युवाओं ने पाकिस्तानी आतंकियों के साथ घाटी में घुसपैठ की थी.
सुरक्षा एजेंसियों को जांच से पता चला था कि ये सभी वैध डॉक्यूमेंट्स पर पाकिस्तान गए थे. सुरक्षा एजेंसियां अब अमृतसर स्थित वाघा बॉर्डर और नई दिल्ली एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन ऑफिसर्स के साथ मिलकर उन कश्मीरी युवाओं के बारे में डाटा जुटा रही हैं जो पिछले तीन सालों में सात दिन से ज्यादा समय तक वीजा पर पाकिस्तान में रुके थे.
कहीं आतंकी कैंप्स में तो नहीं हो गए शामिल
सूत्रों की मानें तो यह आंकड़ें कुछ केसेज में हैरान करने वाले हैं. दो साल पहले भी जो युवा कश्मीर से पाक गए थे अब सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें भी पूछताछ के लिए तलब किया था. अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि उनकी गतिविधियों का पूरा अध्ययन किया गया.
अधिकारियों के मुताबिक इससे कुछ असहजता तो हुई लेकिन सावधानी के लिहाज से ये करना जरूरी है. अधिकारियों ने युवाओं से पाकिस्तान जाने की वजह पूछी थी. इंटेलीजेंस एजेंसियों का मानना है कि शायद ये युवा आतंकी संगठन की तरफ से चलाए जाने वाले छह हफ्तों के ट्रेनिंग कोर्स में शामिल हुए हो.