हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. मौनी अमावस्या माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते है. इस साल मौनी अमावस्या 11 फरवरी को पड़ रहा है. मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. इस दिन मौन रहने की परंपरा है. मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ अमावस्या के दिन संगम और गंगा तट पर देवी-देवताओं का वास होता है. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है.
मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों का बन रहा महासंयोग
मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा के साथ छह ग्रह मकर राशि में एक साथ विराजमान हो रहे है. जिसके कारण महासंयोग का निर्माण होगा. इस शुभ संयोग को महोदय योग कहते है. मान्यता है कि महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से अच्छे फलों की प्राप्ति होती है.
माघ अमावस्या 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त
11 फरवरी 2021 को 01 बजकर 10 मिनट पर अमावस्या तिथि आरम्भ
12 फरवरी 2021 की रात 12 बजकर 37 मिनट पर अमावस्या समाप्त
मौनी अमावस्या व्रत नियम
मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए.
स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए.
गरीब व भूखे व्यक्ति को इस दिन भोजन अवश्य कराएं.
अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें.
यदि आप अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं.
हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.