पश्चिम बंगाल में परिवर्तन यात्रा पर बीजेपी और टीएमसी में टकराव दिखाई दे रहा है। ममता सरकार ने अब तक बीजेपी को यात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी है। साथ ही मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है। बावजूद इसके बीजेपी ने यात्रा की पूरी तैयारी कर ली है। अध्यक्ष जेपी नड्डा यात्रा की शुरुआत करेंगे। गृहमंत्री अमित शाह भी रथयात्रा में शामिल होंगे। रथ यात्रा की सफलता के लिए बीजेपी हवन कर रही है। रथयात्रा के जरिए बीजेपी बंगाल में परिवर्तन का संदेश देना चाहती है।
बंगाल में जय श्रीराम के नारे के बाद अब बीजेपी परिवर्तन यात्रा लेकर आ गई है। यानी बंगाल में सियासत की भट्ठी पर धार्मिक आंच का धुआं तो पहले से ही धधक रहा था अब रथ यात्रा पर भी टकराव शुरु हो चुका है।
सत्ता के खिलाफ चुनाव लड़ते वक्त ज्यादातर पार्टियों ने परिवर्तन का नारा दिया। ममता बनर्जी ने भी वामदलों के खिलाफ नारा दिया था। 2014 के चुनाव में तो उन्होंने इसी परिवर्तन के नारे के जरिए दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता भी देखा था। अब पश्चिम बंगाल में बीजेपी भी परिवर्तन का नारा देकर सत्ता विरोधी लहर पैदा करना चाहती है।
बंगाल में चुनाव का रुख अपनी तरफ मोड़ने के लिए बीजेपी परिवर्तन यात्रा की तैयारियों में जोर शोर से जुट गई है। नवदीप से इस यात्रा की शुरुआत होनी है, इसलिए यहीं पर बीजेपी हवन और पूजा शुरू कर दी है। बंगाल में परिवर्तन हो इसलिए मंत्र पढ़े जा रहे हैं। लेकिन टीएमसी की तरफ से बीजेपी की रथ यात्रा पर ग्रहण लगाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रथ यात्रा के लिए बीजेपी को अभी तक सरकार की तरफ से इजाजत नहीं मिली है। उल्टा सरकार ने बीजेपी को स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने की नसीहत दे दी है। साथ ही रथ यात्रा का मामला कोलकाता हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है। जनहित याचिका में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा को रोकने की मांग की गई है।
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, 6 फरवरी को बीजेपी अध्यक्ष नवदीप से यात्रा की शुरुआत करेंगे। फिर 11 फरवरी को गृह मंत्री अमित शाह कूच विहार से एक और परिवर्तन यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। इसी बीच 7 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी भी हल्दिया के एक प्रोग्राम में शामिल होंगे।
बंगाल में जय श्रीराम के नारे पर बीजेपी और टीएमसी में पहले से ही टकराव चल रहा है। ऐसे में अब रथयात्रा पर पर दोनों पार्टियां आमने-सामने दिखाई दे रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में भी ममता सरकार ने बीजेपी को रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी थी। तब भी पार्टी को आखिरी वक्त में अपनी रणनीति पर विराम लगाना पड़ा था।
ऐसा नहीं है कि बीजेपी बंगाल में फतह के लिए सिर्फ परिवर्तन यात्रा के भरोसे ही बैठी है। रथयात्रा से पहले ही बीजेपी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ में रोड शो के जरिए लगातार शक्ति प्रदर्शन दिखा रही है।