झारखंड सरकार ने सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए आगे आने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘नेक आदमी’ नीति को स्वीकृति दी है। इसके तहत घायलों को दुर्घटना के प्रथम घंटे में अस्पताल पहुंचाने में मदद देने वाले व्यक्ति को ‘नेक आदमी’ का तमगा देते हुए 2,000 रुपए देकर सम्मानित किया जाएगा और इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे व्यक्ति अथवा व्यक्तियों को पुलिस पूछताछ के नाम पर तंग न करे।
इस नीति के तहत अत्यावश्यक होने पर पूछताछ के लिए ऐसे लोगों को पुलिस अगर बुलाएगी तो प्रत्येक बार व्यक्ति के खाते में 1,000 रुपए पुलिस को जमा करने होंगे। राज्य सरकार की विज्ञप्ति में बुधवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया।
नीति की खास बातें
-सरकारी कर्मी और जन प्रतिनिधियों पर भी सड़क दुर्घटना में घायल को मदद करने की जिम्मेवारी।
-दुर्घटना के एक घंटे यानी गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर दो हजार रुपये का ईनाम।
-दो व्यक्ति अगर किसी घायल को नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं तो दोनों को दो-दो हजार देने की योजना।
-दो से अधिक लोग किसी घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं तो पांच हजार रुपये सरकार देगी, उक्त राशि सभी के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा।
-दुर्घटना से संबंधित जानकारी लेने की स्थित में पुलिस को हर पूछताछ के लिए नेक नागरिक के बैंक एकाउंट में डालना होगा एक हजार रुपए।