देश की सबसे बड़ी किसान योजना भी भ्रष्टाचार की शिकार हो गई है. उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जहां जिसे मौका मिला जमकर सरकारी खजाने पर हाथ साफ किया. हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi scheme) की. यह मोदी की ड्रीम स्कीमों में से एक है. अब केंद्र सरकार ने देश के ऐसे 33 लाख किसानों पर सख्ती करने का फैसला किया है जिन्होंने फर्जीवाड़ा कर असली किसानों के हक पर डाका डाला. ऐसे किसानों से 2326 करोड़ रुपये की वसूली होगी. हालांकि, पश्चिम बंगाल के किसी भी किसान से रिकवरी नहीं होगी. क्योंकि वहां एक भी लाभार्थी नहीं है.
17 राज्यों से एक भी रुपये की रिकवरी नहीं
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 231 करोड़ रुपये वसूले गए हैं. लेकिन अब भी 17 राज्यों से एक भी रुपये की रिकवरी नहीं हो पाई है. बिहार की ‘सुशासन सरकार’ ने तो अपने यहां के फर्जी किसानों की सुविधा के लिए बाकायदा रिकवरी लिस्ट जारी कर दी है. जिसमें हर ग्रामसभा के ऐसे किसानों के नाम और फोन नंबर दिए गए हैं जिन्होंने अवैध रूप से पीएम किसान स्कीम का लाभ लिया. लेकिन यहां 34 करोड़ की जगह मात्र 70,000 रुपये की वसूली ही हो सकी है.
हर हाल में वापस लिया जाएगा पैसा
यह तय मानिए कि सरकारी पैसा है तो वसूली तो होगी ही. वरना एफआईआर दर्ज होगी और जेल की हवा खानी पड़ेगी. इसलिए अच्छा यही होगा कि अगर आपने गलत तरीके से पैसा लिया है तो उसे वापस सरकारी खजाने में जमा करवा दें. सरकार का संदेश साफ है कि जो इसके हकदार नहीं हैं, उन्हें पैसा नहीं मिलेगा. लापरवाही करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर भी एक्शन होगा.
राज्यों की जवाबदेही ज्यादा
हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि असली किसान परिवारों की पहचान करने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है. क्योंकि राजस्व राज्य का विषय है. पैसा देना केंद्र सरकार का काम है. लेकिन कौन किसान है और कौन नहीं, इसे राज्य ही तय कर पाएंगे. जमीन का रिकॉर्ड उन्हीं के पास है.
ऐसे कैसे मिलेगा असली किसानों को उनका हक
उत्तर प्रदेश में 1,78,398 किसानों ने गलत तरीके से लाभ लिया है. लेकिन बीजेपी शासित सरकार होने के बावजूद अब तक किसी से वसूली नहीं की गई है. जबकि 171 करोड़ रुपये की रिकवरी की जानी है. ओडिशा में 4.68 करोड़ की जगह एक भी रुपये की रिकवरी नहीं हुई. असम में 5,81,652 किसानों ने फर्जी तरीके से पैसा लिया है. इनसे 377 करोड़ रुपये की जगह राज्य सरकार महज 4000 रुपये ही वसूल पाई है. सवाल यह है कि यदि इसी गति से रिकवरी हुई तो असली किसानों को लाभ कैसे मिलेगा.
पैसा वापसी का ये है तरीका
गलत तरीके से लिया गया पैसा आप वापस करना चाहते हैं तो अपने कृषि समन्वयक, जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें. ऐसा नहीं करना चाहते तो (https://bharatkosh.gov.in/) पोर्टल की सहायता से वापस करें. फर्जी लाभार्थी अपने बैंक को ट्रांजैक्शन वापस करने की अर्जी दे सकते हैं.