तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की रद करने की मांग को लेकर जहां सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन 65वें दिन में प्रवेश कर गया है। सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन व दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा को आंदोलन स्थल पर जाने से पुलिस ने रोक लिया है। इससे वहां पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है।
वहीं, यूपी गेट पहुंचे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सिख कौम कट्टर देशभक्त है और उसे बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी की सुविधा रात को ही उपलब्ध करवा दी गई थी। साथ ही कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा की जांच की जानी चाहिए। भाजपा के लोग किसानों को बदनाम कर रहे हैं। पुलिस को जांच करनी चाहिए कि 26 जनवरी को किसानों को किसने भड़काया? मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार किसानों के साथ है। जो लोग किसानों का विरोध कर रहे हैं वह भाजपा के लोग हैं।
वहीं यूपी बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदर्शनकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है और वह किसानों के साथ धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार को जारी धरने के बीच राकेश टिकैत ने अहम बयान में कहा है कि हम यह जगह खाली नहीं करेंगे। हम अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार से बात करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही राकेश टिकैत ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें। इसी बीच राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व सांसद जयंत चौधरी भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने राकेश टिकैत से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि प्रशासन पर किसानों का हटाने के लिए दबाव है, लेकिन प्रदर्शनकारी जगह खाली नहीं करेंगे। इस मुद्दे को संसद में उठाया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के मुद्दे पर बोलना चाहिए।
LIVE Farmers Protest at Tikri & Gazipur Border:
- उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग ने शुक्रवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर जमा किसानों के लिए बिजली आपूर्ति बहाल कर दी। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से यह चुपचाप किया गया है।
- यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में सुबह से ही किसान नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं, सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है। किसान नेता मंच से सभी को धरना स्थल पर आने की अपील कर रहे हैं। शुक्रवार को किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रीय लोक दल कई नेता भी पहुंचेंगे।
- उधर, टीकरी बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैतान हैं, जबकि दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर बंद करने के साथ कई जगहों पर रूट डायवर्जन कर दिया है। पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर के 60,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है। कई लोगों की नौकरी जा चुकी है।