गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलावों के चलते कई तरह के शारीरिक बदलाव भी होते हैं. जिसकी वजह से पैरों में सूजन, ब्रेस्ट या पीठ में दर्द, पाचन संबन्धी समस्याएं, उल्टी, जी मिचलाना जैसी तमाम परेशानियां होने लगती हैं.
यदि इस दौरान विशेषज्ञ की सलाह से कुछ एक्सरसाइज की जाएं तो महिला के साथ साथ बच्चे को भी काफी आराम मिलेगा, साथ ही प्रसव भी आसानी से होगा. आमतौर पर विशेषज्ञ सामान्य व स्वस्थ गर्भावस्था वाली महिलाओं को तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज की सलाह देते हैं. लेकिन यहां हम आपको कुछ ऐसी आसान एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें हर ट्राइमेस्टर में किया जा सकता है.
प्लैंक
अपने हाथों और घुटनों के बल बैठ कर कलाई और कंधों को एक सीध में लाएं. इसके बाद अपने घुटनों को ऊपर उठाएं और धीरे धीरे टांगें सीधे करने की कोशिश करें. अपनी पीठ और पेट को उठा कर रखें. इस स्थिति में एक से दो मिनट के लिए सांस रोकें. ज्यादा तनाव न लें. फिर आरामदायक स्थिति में वापस लौट आएं. इस एक्सरसाइज से कंधे, पीठ और बाजू मजबूत बनते हैं और मांसपेशियों में दर्द, अकड़न में आराम मिलता है.
कर्ल एंड लिफ्ट
इसे करने के लिए सख्त कुर्सी पर पीठ सीधी करके ज़मीन पर पैर टिका कर दोनों तरफ बाजू करके बैठें. दोनों हाथों में करीब ढाई किलो वज़न पकड़कर धीरे-धीरे ऊपर लेकर आएं. कोहनी को 90 डिग्री के एंगल पर रखें और फिर धीरे धीरे भार को कंधों की तरफ लेकर जाएं. फिर धीरे-धीरे बाजू सीधी करके भार छोड़ दें. अपनी सुविधा के हिसाब से इसे दोहराएं. इससे आपके कंधे मजबूत होंगे और हाथों और कंधों में दर्द की समस्या से भी राहत मिलेगी.
ध्यान रहे
गर्भावस्था बेहद नाजुक अवस्था होती है, जिसमें किसी तरह का रिस्क नहीं लिया जा सकता, ऐसे में किसी तरह की एक्सरसाइज करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें. संभव हो तो किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही इसे करें.
सोने का सही तरीका भी जरूरी
गर्भावस्था के दौरान नींद बहुत आती है, लेकिन 16वें हफ्ते के बाद पेट के बल सोना परेशानी खड़ी कर सकता है. अगर इस दौर में गर्भ पर वज़न पड़ता है, तो खून की मुख्य धमनियों पर भार पड़ सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, साथ ही बेहोशी भी आ सकती है. ऐसे में करवट लेकर सोने की आदत डालें.
दर्द में राहत देगा तकिया
आप चाहें तो तकिए से अपनी कमर को सहारा दे सकती हैं. घुटनों के बीच में तकिया रखकर सोने से भी आराम मिलता है, साथ ही पैरों में दर्द में भी राहत मिलती है. पीठ के पीछे लंबा, नर्म तकिया लगा कर सोने को भी अच्छा माना जाता है. इसके अलावा सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोने से सीने में जलन की परेशानी कम होती है.