पिछले कुछ समय से टेलीकॉम सेक्टर मुश्किल के दौर से गुजर रहा है. जिसके चलते टेलीकॉम इंडस्ट्री सरकार से लंबे समय से वित्तीय पैकेज की मांग कर रही है. ऐसे में सरकार देश में 5G टेक्नोलॉजी के बुनियादी ढांचे व निवेश, तकनीक पर शोध एवं विकास, डिजाइन के लिए नई नीति की घोषणा कर सकती है, जो देश में 5 लाख करोड़ डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकती है. टेलीकॉम इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2021-22 में पेश होने वाले बजट में मोबाइल सेवा कंपनियों पर लगने वाले शुल्क में कमी की भी मांग कर रही हैं जिसमें लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्जेज शामिल हैं.
वित्तीय सलाहकार कंपनी डेलॉयट इंडिया ने बजट से जुड़ी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां भारत में अपना ढांचा स्थापित करें, इसके लिए सरकार PLI scheme लेकर आई थी. लेकिन रोजगार और आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए अन्य प्रोत्साहनों की दरकार है.
IoT की स्मार्ट सिटी और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग बड़ी भूमिका- 2025 तक दुनिया भर में 25 अरब डॉलर के उपकरण इंटरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़े होंगे. टीवी, फ्रिज, दरवाजों से लेकर घर की हर चीज आईओटी से नियंत्रित होगी. इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से आप सिक्योरिटी, गार्डनिंग, म्यूजिक, ऑटोमोबाइल, किचन सभी डिवाइसेज को एक-साथ कनेक्ट कर के कई काम कर सकते हैं. 5जी से जुड़े इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरण स्मार्ट सिटी और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग में बड़ी भूमिका निभाएंगे.
डिजिटल नीति के तहत कर छूट का हो सकता है ऐलान- नेशनल डिजिटल कम्यूनिकेशन पॉलिसी 2018 के तहत सरकार ने पहले ही डिजिटल कम्यूनिकेशन को GDP के 8 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही 100 अरब डॉलर के निवेश और हर नागरिक तक 50Mbps की ब्राडबैंड स्पीड सुनिश्चित करने का लक्ष्य है. ऐसे में डिजिटल नीति के तहत प्रोत्साहन और कर छूट का ऐलान हो सकता है.