शुक्रवार के दिन भूलकर भी चीनी किसी को भी नहीं देनी चाहिए। क्योंकि ज्योतिष में चीनी का संबंध शुक्र और चंद्र दोनो से हैं। इसलिए शुक्रवार के दिन चीनी देने से आपका शुक्र कमजोर होता है और शुक्र भौतिक सुखों का स्वामी है। शुक्र के नाराज होने से भौतिक सुख-सुवधिओं में कमी आती है और आर्थिक स्थिति भी खराब होती है।शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ नारायण की भी पूजा करनी चाहिए। लक्ष्मी के साथ नारायण की पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और दोनों का आशीर्वाद भी बना रहता है। अगर संभव हो सके तो सुबह या शाम किसी भी एक समय मीठा घर में जरूर बनाना चाहिए और उसको सबसे पहले घर की सबसे बड़ी स्त्री को देना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार शुक्र हमारे जीवन में स्त्री, वाहन और धन सुख को प्रभावित करता है। यह एक स्त्री ग्रह है। कहते हैं कि इसके शुभ प्रभाव के कारण जातक ऐश्वर्य को प्राप्त करता है। शुक्रवार की प्रकृति मृदु है। यह दिन एक और जहां लक्ष्मी का दिन है वहीं दूसरी ओर काली का भी। यह दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य का दिन भी है। तो आओ जानते हैं शुक्रवार को लाल किताब और ज्योतिष के अनुसार कौन से कार्य करना चाहिए और कौन से नहीं।
ये कार्य ना करें :
इस दिन खट्टा न खाएं तो आपके साथ अच्छा ही होगा।
किसी भी प्रकार से शरीर पर गंदगी न रखें अन्यथा आकस्मिक घटना-दुर्घटना हो सकती है।
पिशाची या निशाचरों के कर्म से दूर रहें।
पश्चिम और दक्षिण में यात्रा न करें ।शुक्रवार ही नहीं सभी दिन किसी भी महिला का अपमान न करें।
क्या करें :
लाल चंदन लगाएं।
पूर्व, उत्तर और ईशान में यात्रा कर सकते हैं।
नृत्य, कला, गायन, संगीत आदि रचनात्मक कार्य की शुरुआत की जा सकती है।
आभूषण, श्रृंगार, सुगंधित पदार्थ, वस्त्र, वाहन, चांदी आदि के क्रय-विक्रय के लिए उचित दिन।
सुखोपभोग के लिए भी यह दिन शुभ होता है।
इस दिन आप पानी में उचित मात्रा में दही और फिटकरी मिलाकर स्नान करें और शरीर पर सुगंधित इत्र लगाएं।
रात को सोने से पहले अपने दांत फिटकरी से साफ करें या उसके पानी का कुल्ला करें।
लक्ष्मी की उपासना करें, खीर पीएं और 5 कन्याओं को पिलाएं।
दो मोती लेकर एक पानी में बहा दें और एक जिंदगीभर अपने पास रखें।