कुछ महीनों में पश्चिम बंगाल(West Bengal) में विधानसभा चुनाव(Assembly elections) का आरंभ होने वाला है। चुनाव के पहले ही ममता बनर्जी(Mamata Banerjee) के लिए मुश्किलों का अंबार लग गया है। उनकी मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। मात्र 17 दिन में दूसरे मंत्री ने ममता बनर्जी को इस्तीफे का पत्र थमा दिया है। 22 जनवरी को को राज्य के वन मंत्री राजीब बनर्जी ने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले 5 जनवरी को खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी पद से इस्तीफा दिया था।
त्यागपत्र में लिखी ये बात
बनर्जी सरकार में फॉरेस्ट मिनिस्टर राजीब बनर्जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है। मैं इस अवसर को पाने के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं।’ बता दें कि राजीब बनर्जी दोमजुर से विधायक है। राजीब ने इस्तीफा गवर्नर जगदीप धनखड़ को भी भेजा है। राजीव बनर्जी के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद लोगों ने नए नए कयास लगाना शुरु कर दिया है।
क्या वह भी शुभेंदु अधिकारी की तरह भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामेंगे? डोमजूड़ का प्रतिनिधित्व करने वाले बनर्जी पिछले कुछ सप्ताह से सत्तारूढ़ पार्टी के एक धड़े के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे थे। बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्होंने इस्तीफे की एक प्रति राज्यपाल जगदीप धाखड़ को ‘आवश्यक कार्रवाई’ के लिए भेजी गई है।
कुछ दिनों में ही छोड़ने वालों की लगी कतार
धीरे धीरे कर के सभी लोग ममता बनर्जी का साथ छोड़ते जा रहे है। बीतें 5 जनवरी को लक्ष्मी रतन शुक्ला ने खेल और युवा मामलों के मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन विधायकी नहीं छोड़ी थी। इस बारे में ममता बनर्जी ने कहा था कि इस्तीफा कोई भी दे सकता है इसे नकारात्मक तरीके से नहीं लेना चाहिए। इससे पहले बीते 19 दिसंबर को TMC को बाय बोल और ममता के करीबी रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। उनके साथ सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 MLA भी भाजपा की शरण में पहुंच गए थे। इनमें 5 विधायक तृणमूल कांग्रेस के ही थे। इनके अलावा तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पांजा, शीलभद्र दत्ता, दिपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यांपदा मुखर्जी, बिस्वजीत कुंडू और बनश्री मैती भी भाजपा में मिल गई है।