उत्तराखंड में पड़ रही कड़ाके की ठंड भी सीमा सड़क संगठन बीआरओ का हौसला नहीं डिगा सकी है। माइनस 11 डिग्री तापमान पर इन दिनों चीन सीमा तक मार्ग बनाने के लिए बीआरओ दो से चार फीट बर्फ के बीच सड़क काटने में जुटा है। चीन से गलवान घाटी में विवाद के बाद यह पहला मौका है जब बर्फबारी और शीतकाल में भी सड़क निर्माण किया जा रहा है। पूर्व के वर्षों में नवंबर से अप्रैल् के बीच शीतकाल में सड़क निर्माण का काम बंद कर दिया जाता था। चीन सीमा को जोड़ने और वहां तक आवाजाही सुगम बनाने के लिए मुनस्यारी-मिलम सड़क का निर्माण हो रहा है। सीमा सड़क संगठन इस कार्य को बाखूबी अंजाम तक पहुंचाने में जुटा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि माइनस 11 डिग्री तापमान के बीच भी सड़क निर्माण हो रहा है।
लास्पा क्षेत्र में तो 2 से 4 फीट तक बर्फ की मौजूदगी में कार्य चल रहा है। हाड़ कंपकंपाने वाली ठंड को दरकिनार कर बीआरओ के 50 से अधिक मजदूर सड़क निर्माण कर देश सुरक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। चीन सीमा तक पहुंचने को 61 किमी लंबी निर्माणाधीन इस सड़क का बीआरओ ने अब तक 41 किमी निर्माण कर लिया है। मुनस्यारी की तरफ से 18 किमी और मिलम की तरफ से 23 किमी सड़क काटी जा चुकी है। अब मिलम से मुनस्यारी के बीच महज 20 किमी सड़क काटी जानी शेष है। पिछले दिनों हुई बर्फबारी के बाद मुनस्यारी-मिलम पैदल मार्ग बंद है। इस रास्ते पर आवाजाही पूरी तरह ठप है। सड़क निर्माण में जुटे बीआरओ को निर्माण सामग्री मुहैया कराने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। हैली से निर्माण सामग्री के साथ खाद्य सामग्री मिलम पहुंचाई जा रही है, ताकि सड़क निर्माण में कोई भी बाधा न आए। यह खुशी की बात है कि भारत चीन सीमा को जोड़ने के लिए पहली बार शीतकाल में बर्फबारी के बीच काम किया जा रहा है। उम्मीद है जल्द सड़क का निर्माण किया