पाकिस्तान में नेताओं की अवैध सम्पति को लेकर हमेशा कोई ना कोई मामला आता ही रहता है। इस बार ब्रिटिश कंपनी ने पाकिस्तान के कुछ नेताओं के धनशोधन में शामिल होने के सबूत होने का दावा किया है। इस दावे के बाद पाकिस्तान के नेताओं खलबली मच गयी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कंपनी के दावे को संज्ञान में लेते हुए मामले में पूर्ण पारदर्शिता बरतने की अपील की है। ब्रॉडशीट एलएलसी के मालिक कावेह मौसावी ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के पूर्व नवाज प्रधानमंत्री शरीफ ने उनकी कंपनी को अपनी विदेशी संपत्ति के खिलाफ जारी जांच को रोकने के लिए रिश्वत की पेशकश की थी। कंपनी के पास कई अन्य बड़ी हस्तियों के भी भ्रष्टाचार और धनशोधन में शामिल होने के सबूत हैं। इस सबूत के बाद पाक के नेताओं में और सरकार के बीच तानातनी शुरू हो चुकी है। इमरान ने बुधवार को मौसावी के दावे पर सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि पनामा पेपर्स ने हमारे कई नेताओं के भ्रष्टाचार और धनशोधन में लिप्त होने का खुलासा किया था। अब ब्रॉडशीट एलएलसी ने भी ऐसा ही दावा किया है। यह खुलासे एक बड़े प्रकरण का छोटा-सा हिस्सा भर हैं। देष में और भी मामले हो सकते हैं। हम ब्रिटिश कंपनी से पाकिस्तान के नेताओं से जुड़े धनशोधन मामले में पूर्ण पारदर्शिता की उम्मीद रखते हैं। हम चाहते हैं कि वह उस व्यक्ति के बारे में भी बताए, जिसने जांच रोकने की कोशिश की। जांच में पारदर्षिता रहेगी। इमरान ने लिखा कि कुछ नेता सत्ता में आते हैं और लूट-खसोट मचाते हैं। पाकिस्तान के नेता गलत तरीके से प्राप्त धन को विदेश में छिपाने के लिए धनशोधन करते हैं। इसके बाद अपने राजनीतिक रसूख की आड़ में एनआरओ हासिल करते हैं।
पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी नेता अंतरराष्ट्रीय खुलासों पर खुद को पीड़ित पक्ष के तौर पर पेश कर अपना बचाव नहीं कर सकते। उन्हें अपने किए की सजा भुगतनी ही पड़ेगी। पाकिस्तान में अब धनशोधन के मामले पर सख्त नजर रहेगी। राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और उनके पति आसिफ अली जरदारी और दर्जनों अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को माफ करने के लिए 2007 में लाया था। इन नेताओं के साथ एक राजनीतिक समझौता किया जा सके। यह कानून राजनीतिक सौदेबाजी करने के लिए एक राजनतिक रियायत का पर्याय बन गया है। मौसावी के खुलासे के बाद खान ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति गठित की है।
सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा कि कैबिनेट ने एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की है जो ब्रॉडशीट कांड में उल्लेख किए गए व्यक्तियों के नामों का खुलासा करेगी। उन्होंने कहा कि खान ने जांच के बाद उन नामों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है। ज्ञात हो कि 70 वर्षीय शरीफ पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं, जहां वह इलाज के लिए गये थे। लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज के लिए चार हफ्तों के वास्ते विदेश जाने की अनुमति दी थी। पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ, भ्रष्टाचार के दो मामलों में अदालत में पेश होने में नाकाम रहें, जिसके बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है। सम्भावना है कि इस धनषोधन मामले में पाकिस्तान के और नेता शामिल होंगे।