यूं तो हनुमानजी बहुत ही शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं परन्तु कुछ मंत्रों के इस्तेमाल से तुरंत ही इनका साक्षात दर्शन किया जा सकता है. हनुमान गायत्री मंत्र ऐसा ही एक मंत्र है. इस मंत्र के नियमित जप से न केवल बजरंग बली के दर्शन होते हैं वरन बड़ी से बड़ी समस्या भी चुटकी बजाते दूर हो सकती है.
मंत्र शास्त्र के मुताबिक हनुमान गायत्री मंत्र के जप से हमारे शरीर के अनाहत चक्र पर सीधा प्रभाव होता है. ये चक्र दिल के निकट स्थित होता है. इससे अकारण लगने वाला डर और घबराहट भी कम होते हैं. यही कारण है कि इस मंत्र का जप तुरंत ही आत्मविश्वास को बढ़ा देता है और मानसिक चिंताओं को खत्म कर देता है. इन्हें इस्तेमाल करने का उपाय बड़ा ही आसान है.
वैसे तो हनुमान गायत्री मंत्र भी कई हैं परन्तु उनमें ये तीन प्रमुख हैं-
ॐ रामदूताय् विद्महे, कपिराजाय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात.
ॐ आंजनेयाय् विद्महे, महाबलाय् धीमहि तन्नो मारुतिः प्रचोदयात.
ॐ अंजनिसुताय् विद्महे, वायुपुत्राय् धीमहि तन्नो मारुतिः प्रचोदयात्.
ऐसे करें हनुमान गायत्री मंत्र का प्रयोग
इस इस्तेमाल का शुरुआत मंगलवार या शनिवार को करना है. प्रातः काल के समय स्नान आदि कर साफ, स्वच्छ धुले हुए कपड़े पहन कर हनुमान जी के मंदिर में बैठ कर हनुमानचालिसा का पाठ करें. हनुमानजी को फूल, माला तथा गुड़ और चने का भोग अर्पित करें. इसके बाद उपरोक्त तीनों गायत्री मंत्रों में से कोई भी एक मंत्र चुन कर उसका रुद्राक्ष की माला पर जप करें. प्रतिदिन कम से कम 108 बार जप करना है. जप करते समय अपना ध्यान हनुमान जी के चित्र अथवा तस्वीर पर एकाग्र रखें. यह इस्तेमाल एक बार शुरुआत करने के बाद लगातार 108 दिनों तक करना है.
काम पूरा होने के बाद भी कर सकते हैं प्रयोग
एक बार इस इस्तेमाल को शुरुआत कर देने के बाद आपकी समस्याएं खुद-ब-खुद ही खत्म होती चली जाएंगी. यदि आप चाहें तो इस इस्तेमाल को आयु भर भी कर सकते हैं. इसके असर से आप पर आने वाली कोई भी मुसीबत अपने आप ही खत्म हो जाएगी और आपको पता भी नहीं चलेगा.