प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो लगाकर मोबाइल लॉन्चिंग के प्रचार मामले में लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने एक्शन लिया है. पुलिस ने मोबाइल कंपनी के सीईओ डीपी त्रिपाठी और पीआर एजेंसी के मालिक आशीष गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस मामले में यूपी सरकार के मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है. आपको बता दें कि आशीष गुप्ता को लखनऊ के ही इंदिरा नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया है, जबकि डीपी त्रिपाठी की गिरफ्तारी बाहर से हुई. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
इससे पहले मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने पीएम मोदी और सीएम योगी की फोटो लगाने को लेकर पीआर एजेंसी को जिम्मेदार बताया था. ऐसे में होर्डिंग लगाने वाले आशीष गुप्ता और सीईओ डीपी त्रिपाठी से पूछताछ में कई राज खुल सकते हैं. इस मामले में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा है कि पीएम और सीएम के पोस्टर लगाकर मोबाइल कंपनी के प्रचार के मामले में कंपनी के सीईओ और पीआर एजेंसी के मालिक सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. सीईओ, पीआर एजेंसी के मालिक दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इसमें एक को इंदिरा नगर से जबकि दूसरे को बाहर से गिरफ्तार किया गया है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मालूम हो कि यूपी में पीएम मोदी और सीएम योगी के होर्डिंग लगाए गए थे, जिसमें स्वदेशी ब्रान्ड के फोन की लॉन्चिंग दिखाई गई थी. होर्डिंग्स पर फोटो और फोन को इस तरह दर्शाया गया कि ये फोन सरकार की योजना है और पूरी तरह से स्वदेशी है. इसकी लॉन्चिंग में यूपी सरकार के मंत्री कपिलदेव अग्रवाल और दूसरे मंत्री भी शामिल हुए थे. IN BLOCK नाम के इस फोन को लॉन्च करने के बाद कंपनी का एडवरटाइजिंग का काम मंत्री के भाई ललित अग्रवाल को दे दिया गया. इसी मामले में कपिलदेव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले में 5 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद मोबाइल कंपनी के सीईओ और पीआर एजेंसी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया.