गाजियाबाद जिले के मुरादनगर (Muradnagar) में श्मशान घाट (Cremation Ground) में हुए हादसे में अब तक 25 लोगों की जान चली गई है. इस हादसे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल जांच और राहत कार्य के आदेश दिए हैं. साथ ही मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. नवनिर्मित गलियारे की छत गिरने से हुए हादसे में मुरादनगर पालिका की अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान, ठेकेदार अजय त्यागी, जेई सीपी सिंह सुपरवाइ आशीष समेत अन्य 97-अज्ञात व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर (FIR) दर्ज किया गया है. बता दें, करीब दो महीने पहले ही इस गलियारे का निर्माण हुआ था और 15 दिन पहले आम जनता के लिए इसे खोला गया था.
अधिकारियों और ठेकेदारों की खुली पोल
नवनिर्मित गलियारे का अब तक लोकापर्ण नहीं हुआ था. गलियारे की छत गिरने से कोहराम मचा हुआ है और 25 लोगों की मौत के साथ कई लोग चोटिल हैं. हादसा उस वक्त हुआ जब श्मशान घाट में एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जा रहा था और लोग आत्म शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किए हुए थे.इसी दौरान छत गिर गई जिसकी चपेट में वहां मौजूद लोग आ गए. मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम योगी ने मंडलायुक्त और आईजी मेरठ को मुरादनगर हादसे की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इस हादसे में लोगों की मौत हुई है और साथ ही अधिकारियों और ठेकेदारों की पोल भी खुल गई है.
भरभराकर गिरा लिंटर
अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की वजह से हुई लापरवाही की भरपाई आम जनता ने की है. जो गए तो थे अंतिम संस्कार में शामिल होने लेकिन वहां से वापस नहीं लौटे. बताया जा रहा है कि, रविवार की सुबह एक फल विक्रेता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लोग बंबा श्मशान घाट पहुंचे थे और बारिश के कारण गलियारे में खड़े हो गए थे. लेकिन अचानक से नए गलियारे का लिंटर भरभराकर गिरने लगा जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई. हादसे की चपेट में आए 25 लोगों की मौके पर मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया.