साल 2020 का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2020) 27 दिसंबर यानी रविवार के दिन है. रविवार रके दिन पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष कहा जाता है. वहीं, अगर प्रदोष व्रत सोनवार के दिन पड़ता है तो उसे सोम प्रदोष कहा जाता है. प्रदोष व्रत के दिम भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है. मान्यताओं के मुताबिक, जो जातक प्रदोष व्रत रखता है भगवान शिव उसकी सभी प्रकार की परेशानियों का हरण कर लेते हैं.
प्रदोष व्रत मुहूर्त
मार्गशीर्ष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ – 04:18, दिसम्बर 27
समाप्त – 06:20, दिसम्बर 28
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें. पंचामृत का पूजा में प्रयोग करें. धूप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं. इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.