प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ को केंद्र सरकार की नीतियों का मूल आधार बताते हुए कहा कि जो देश का है, वह हर देशवासी का है और उसका लाभ हर देशवासी को मिलना चाहिए. पीएम के इस बयान को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का जवाब माना जा रहा है. बता दें साल 2006 में तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है. सिंह के इस बयान पर उस समय काफी विवाद हुआ था.
उस वक्त सिंह ने कहा था ‘समाज के सभी पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों विशेषकर मुसलमानों को विकास के लाभ में बराबर की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए उनका सशक्तिकरण किए जाने की ज़रूरत है. देश के संसाधनों पर पहला हक़ उन्हीं का है.’ तब विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी ने इस बयान पर काफी हंगामा मचाया था. सिंह के बयान का जिक्र कई बार साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी किया गया. भाजपा लगातार आरोप लगाती रही कि तात्कालीन यूपीए सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है.
जो देश का है, वह हर देशवासी का – PM
वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से निकले छात्र भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने छात्रों से अपील की कि एएमयू के कैंपस में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’की भावना दिनोंदिन मजबूत होती रहे, इसके लिए मिलकर काम करें.
इस अवसर को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश की समृद्धि के लिए उसका हर स्तर पर विकास होना आवश्यक है. आज देश भी उस मार्ग पर बढ़ रहा है, जहां प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के देश में हो रहे विकास का लाभ मिले. देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है, जहां पर प्रत्येक नागरिक संविधान से मिले अपने अधिकारों को लेकर निश्चिंत रहें, भविष्य को लेकर निश्चिंत रहें.’