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विकास दुबे के सहयोगियों पर चला सीएम का हंटर , हजरतगंज थाना प्रभारी पर गिरी गाज

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) बिकरू कांड (bikru kand) के मुख्य आरोपी रहे दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) एवं उसके सहयोगियों पर लगातार गाज गिरा रहे हैं. जानकारी के अनुसार मामले में लापरवाही के दोषी पाए जाने पर लखनऊ के हजरतगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय को बुधवार देर रात लाइन हाजिर करने का काम किया गया है.

उल्लेखनीय है कि जब अंजनी पांडेय प्रभारी निरीक्षक थाना कृष्णा नगर थे उसी वक्त विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया था. मामले में एसआईटी ने तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक थाना कृष्णा नगर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश करने का काम किया था. सरोजनीनगर के प्रभारी निरीक्षक घनश्याम मणि त्रिपाठी को वजीरगंज थाने का प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है.

सीएम योगी सख्त : आपको बता दें कि पिछले दिनों सीएम योगी ने विकास दुबे एवं उसके सहयोगियों की 147 करोड़ की संपत्तियों और उससे जुड़े लोगों की आय के विभिन्न स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने का निर्णय लिया है. यदि आपको याद हो तो इसी साल जुलाई के महीने में हुए एक जघन्य कांड में आठ पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या कर दी गई थी जिसका मुख्य आरोपी विकास दुबे था. मामले में विभिन्न पहलुओं की पहले से ही जांच चल रही है.

विकास दुबे की 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की ईडी से जांच : इस जघन्य कांड के तुरंत बाद मुख्यमंत्री द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने विकास दुबे की 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की ईडी से जांच की सिफारिश करने की मांग की थी. इस मांग को सीएम यागी ने स्वीकार कर लिया है. एसआईटी ने पिछले महीने की शुरुआत में सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें उसने यह भी कहा था कि विकास दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए.

2-3 जुलाई की मध्यरात्रि : आपको बता दें कि इसी साल 2-3 जुलाई की मध्यरात्रि में कानपुर के बिकरू गांव में दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गैंगस्टर के साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थी. इस मुठभेड में एक सीओ और एक एसओ सहित आठ पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी. यही नहीं इस मुठभेड में पांच पुलिस कर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक भी घायल हुआ था.

मारा गया था विकास दुबे : इस घटना का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे 10 जुलाई 2020 को उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था.