कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है और अपना दर्द जाहिर किया है. साथ ही कुमारस्वामी की बातों से ऐसा लग रहा है कि, उन्हें बीजेपी से अलग होने का मलाल है. पूर्व सीएम का कहना है कि, कांग्रेस के चक्कर में आकर उन्होंने जनता का 12 सालों का भरोसा खो दिया और अगर उनकी दोस्ती भारतीय जनता पार्टी के साथ बनी रहती तो वह आज भी सीएम पद पर बने रहते. कुमारस्वामी ने कहा कि, वह जाल में फंस गए थे और साथ ही साथ उन्होंने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर भी षड्यंत्र का आरोप लगाया. कुमारस्वामी ने अपनी गलती पर पछताते हुए कहा उन्हें कभी बीजेपी की तरफ से इतना बड़ा धोखा नहीं मिला.
सिद्धारमैया का पलटवार
कुमारस्वामी के आरोपों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया ने पलटवार भी किया और कुमारस्वामी पर झूठ बोलने का आरोप मढ़ दिया. बतौर सिद्धारमैया, कुमारस्वामी झूठ बोलने में माहिर हैं और आंसू बहाना उनके परिवार की पुरानी आदत है. सिद्धारमैया का कहना है कि, कुमारस्वामी राजनीति हालातों के हिसाब से झूठ बोलते हैं.
कुमारस्वामी का छलका दर्द
मैसूर में कुमारस्वामी ने सीएम पद की कुर्सी हाथ से चले जाने का दर्द बयां करते हुए कहा, ‘अगर मैं बीजेपी से अच्छे संबंध बनाए रखता तो अभी भी मुख्यमंत्री होता. मैंने 2006-07 में (मुख्यमंत्री के तौर पर) राज्य की जनता का जो भरोसा हासिल किया था और जिसे 12 साल तक बरकरार रखा था वह कांग्रेस से हाथ मिलाकर खो दिया.’ इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस को सबसे बड़ी गलती करार दिया. पूर्व सीएम की मानें तो, कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर उनकी कुर्सी चली गई.
कांग्रेस के षडयंत्र में फंस गए
कुमारस्वामी का मानना है कि, ‘मेरी पार्टी को अपनी मजबूती खोकर उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है… मैं देवगौड़ा की भावनाओं के चलते जाल में फंस गया था, जिसका खामियाजा स्वतंत्र रूप से 28-40 सीटें जीतने वाली मेरी पार्टी को बीते तीन साल में हुए चुनाव के दौरान भुगतना पड़ा है.’ इस दौरान उन्होंने अपनी कही गई बातों को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह देवगौड़ा को दोष नहीं दे रहे.
गठबंधन में मतभेद
दरअसल, 2018 में जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव हुए थे और किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. तो एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस- जद(एस) ने मिलकर राज्य में सरकार बनाई और राज्य का सीएम कुमारस्वामी को बनाया. इसके बाद 2019 में दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा और इसी के बाद गठबंधन में मतभेद सुरू हो गए और कुछ विधायकों ने बगावती सुर दिखाने शुरू कर दिए. जिसका नतीजा ये हुआ कि, राज्य में गठबंधन की सरकार गिर गई और अब जब कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर आरोप लगाए तो सिद्धारमैया का कहना है कि, उनकी आदत है झूठ बोलने की और वो राजनीति के लिए झूठ बोल सकते हैं.