रिपोर्ट : भक्तिमान पांडेय बाराबंकी -रामसनेहीघाट क्षेत्र के पूरे खाले गांव में किसानों की जमीन अधिग्रहण के नियमों से विपरीत मुआवजा दिलाने से नाराज किसानों ने डीएम समेत उच्च अधिकारियों से पत्र देकर शिकायत की इन किसानों का कहना है कि नियमों के विपरीत मुआवजा दिलाने का तहसील कर्मी दबाव बनाकर बना रहे हैं रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के पूरे खाले मजरे सिल्हौर में गोमती नदी पर प्रस्तावित सेतु निगम का पुल बनाया जाना है जिससे गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.
जिससे गांव निवासी किसान नरेंद्र कुमार, सीतापति, श्री पति तिवारी, कमलेश तिवारी, विनोद तिवारी, कौशल्या देवी, राम कुमार आदि किसान भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं उनका कहना है कि आबादी व सड़क किनारों की भूमि का सर्किल रेट अलग-अलग है ऐसे क्षेत्र क्षेत्रीय लेखपाल ने भूमि का सर्किल रेट अलग-अलग है ऐसे में क्षेत्रीय लेखपाल ने 20 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान किए जाने की बात कही वहीं भूमि पर लगे पेड़ों से भुगतान ना होने को कहा है जबकि किसान 32 लाख प्रति हेक्टेयर की मांग की है.
उन्होंने स्वयं की भूमि सुबेहा मवई संपर्क मार्ग किनारे होने की बात बताइ जिससे तहसील कर्मियों के साथ बैठक हुई लेकिन वार्ता विफल रही जिससे जिसकी शिकायत डी एम आदर्श सिंह से की है उधर तहसीलदार तपन मिश्रा ने बताया कि किसान को बातचीत के लिए बुलाया गया था अभी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है सर्किल रेट अभी तय नहीं किया जा रहा है जिसके लिए पीडब्ल्यूडी निगम से वार्ता जारी है.