अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की टीम में पहली भारतीय अमेरिकी महिला ने अपनी जगह बनाई है। बाइडन ने शुक्रवार को माला अडिगा को अपनी पत्नी और अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन की नीति निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। माला पहली भारतीय अमेरिकी महिला हैं, जो बाइडन की टीम का हिस्सा बनेंगी। हालांकि, बाइडन प्रशासन में शामिल होने के लिए अभी कई भारतीय प्रतिक्षा सूची में हैं। ये वह भारतीय-अमेरिकी हैं, जो बाइडन के चुनावी कैंपन में दिन-रात जुटे रहे। इनकी तारीफ खुद बाइडन कर चुके हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं कि माला अडिगा कौन हैं क्या हैं उनकी खूबियां, और कितने भारतीय हैं जिनको मिल सकती है बाइडन प्रशासन में खास जगह।
भारतीय अमेरिकी माला की क्या है खासियत
1. माला ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन के एक वरिष्ठ सलाहकार और जो बाइडन के चुनावी कैंपेन में एक वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसके पूर्व माला बाइडन फाउंडेशन में उच्च शिक्षा और सैन्य परिवारों के लिए निदेशक थीं।
2. माला को व्हाइट हाउस में काम करने का अच्छा अनुभव रहा है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में वह शैक्षिक और सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरों में शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए सहायक सचिव के रूप में कार्य किया है। इसके अतिरिक्त मानवाधिकार निदेशक और वैश्विक महिला मुद्दों के कार्यालय में सचिव के रूप में कार्य कर चुकीं हैं।
3. माला का मूल निवास इलिनोइस है। ग्रिनल कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और शिकागो लॉ स्कूल से उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की। 2008 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के चुनावी कैंपने में शामिल होने से पहले वह शिकागो लॉ फर्म के लिए काम करती थीं। ओबाम प्रशासन वह एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के रूप में शुरुआत की।
अन्य भारतीय अमेरिकी भी वेटिंग लिस्ट में
अरुण मजूमदार : अमेरिकी ऊर्जा विभाग के पहले निदेशक थे। मजूमदार उन्नत ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया। मार्च 2011 से जून 2012 तक ऊर्जा के कार्यवाहक के रूप में कार्य किया। बाइडन के राष्ट्रपति चुनावी कैंपेन में उन्होंने अहम भूमिका अदा की।
डॉ. विवेक मूर्ति : एक चिकित्सक और पूर्व जनरल सर्जन मूर्ति ने हाल के महीनों में कोरोना वायरस महामारी से निपटने पर बाइडन के सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष के रूप में प्रमुखता प्राप्त की है। इसके चलते राष्ट्रपति-चुनाव ने अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता हासिल की है।