जम्मू- कश्मीर में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच लगातार मुठभेड़ जारी है। हाल ही में घाटी में सेना के जवानों ने जैश-ए-मोहम्मद के चार जवानों को मौत के घाट उतारा था। जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया। लेकिन इस बीच अब भारतीय जवानों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक सुरंग का पता भी चला है। जिससे पाकिस्तान की साजिश का एक बार फिर पर्दाफाश हो गया है। दरअसल, भारतीय जवानों को जम्मू संभाग के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सटे गांव रिगाल में एक सुरंग मिली है। दावा किया जा रहा है कि इसी सुरंग के सहारे तीन दिन पहले जैश के आतंकी भारतीय सीमा में घुसे थे। जिन्हें भारतीय जवानों में ढेर कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक, रिगाल गांव में बनी इस सुरंग को बीएसएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के गश्ती दल ने खोजा है। वहीं, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह भी इस बात को कबूल करते नजर आए कि इस सुरंग का इस्तेमाल आतंकियों ने कई बार किया होगा। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकियों की ट्रेनिंग से लेकर उनकी लांचिंग तक का पूरा जिम्मा पाक सेना के पास है। पाकिस्तान सेना भारतीय क्षेत्र में आतंकियों की घुसपैठ करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। सुरंग को लंबे समय तक आंतकियों के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है, ताकि घुसपैठ को आसान बनाया जा सके।
कैसी है सुरंग
भारतीय जवानों को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मिली काफी ज्यादा गहरी है। इस सुरंग का व्यास लगभग तीन फीट है। ये सुरंग पाकिस्तान की तरफ जाकर खुलती है। इस सुरंग के सामने पाकिस्तान की भूरा चुक्क चौकी है। दावा है कि ये सुरंग वहीं पर खुलती है। इस सुरंग के अंदर की गोलाई करीब 2.5 फीट है। आतंकियों ने इस सुरंग को काफी तरकीब से बनाया है क्योंकि इसमें मिट्टी न धंसने का भी ध्यान रखा गया है। ऐसे में सुरंग के दोनों तरफ लकड़ी के फट्टे लगाए गए है। सुरंग के देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसका निर्माण कुशल इंजीनियरों ने किया है। जिसके जरिए आतंकी 12 महीने इस सुरंग का इस्तेमाल करके भारतीय सीमा में घुसपैठ कर सकते है।
25 फीट गहरी सुरंग
आतंकियों ने इस सुरंग को 25 फीट तक गहरा बनाया है। जिसमें अंदर फट्टों के साथ-साथ पॉलीथीन शीट्स भी लगाई गई है ताकि बारिशो के दिनों में पानी का रिसाव भी न हो पाए। इतना ही नहीं, टनल को हर किसी को नजरों से बचाए रखने के लिए इसके मुहाने पर मिट्टी और रेत से भरी बोरियां रखी गई थी। इन बोरियों पर एंग्रो और सब्ज एंग्रो बैग यूरिया खाद मैन्युफैक्चर्ड इन पाकिस्तान उर्दू में लिखा था। इनमें से कुछ बोरियों पर कासिम कराची केमिकल भी लिखा था। जिससे साफ हो गया कि पाकिस्तान में मौजूद आंतकियों ने इस सुरंग को बनाया है। इस सुरंग को देखकर ऐसा लग रहा है कि इसे हाल फिलहाल में बनाया गया है।
भारतीय सीमा में ऐसे दाखिल हुए आंतकी
बता दें कि 19 नवंबर को नगरोटा के बन टोल प्लाजा पर जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को भारतीय जवानों ने मार गिराया था। जानकारी के मुताबिक, ये चारों आतंकी 18 नवंबर की रात लगभग 8.30 बजे भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। जिसके बाद वह आतंकी 12:30 बजे जम्मू- पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर जतवाल पहुंचे। जो आइबी से करीब आठ किलोमीटर दूर है। वहां से चारों ट्रक में सवाल होकर आगे बढ़ रहे थे लेकिन बीच में ही बीएसएफ के जवानों ने उन्हें घेर लिया। आतंकियों से मिले स्मार्ट फोन और सेटेलाइट फोन को खंगाला भी गया। वहीं, आतंकियों के मारे जाने के बाद जवानों ने सरहद से सटे गांव को खंगालना भी शुरू किया। जिसमें रिगाल गांव में बनी सुरंग की जानकारी मिली।
रउफ लाला को थी पल-पल की जानकारी
दावा किया जा रहा है कि तीन दिन पहले मारे गए आतंकी कमांडो ट्रेनिंग से प्रशिक्षित थे। जो पैदल बार्डर से हाईवे तक पहुंचे थे। इन्हें गाइड करने वाला भी कोई था। इतना ही नहीं, मसूद अजहर का भाई और जैश कमांडर रऊफ लाला पल-पल की जानकारी ले रहा था। उस समय उसके साथ कारी जरार और कासिम जान उनके हैंडलरों की भूमिका निभा रहे थे। एन एस जन्मवाल ने बताया कि रऊफ लाला के सीमा पार देखा गया है। एजेंसियां इसका पता लगाने में जुटी हैं। चारों आतंकियों को कोई गाइड जरूर होगा जो उन्हें सीमा से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग तक ले गया होगा। बीएसएफ भी पूरे मामले की जांच कर रही है।