दीवाली के दौरान घर की सफाई तो आम है, लेकिन इस साफ-सफाई के दौरान अगर 3 लाख रूपए का नुकसान हो जाए तो यह यकीनन चिंता का सबब है। खैर, कश्मकश के बीच भी खुशी की इबारते छुपी रहती हैं, जिसके हर्फों में सुकून के दो पल भी होते हैं, जिनका सहारा अगर मिल जाए जिंदगी खुशगवार हो जाती है। इस बीच कुछ ऐसा ही मामला दीवाली से पहले सामने आया है, जहां पर एक महिला ने घर की सफाई करते हुए 3 लाख रूपए को कचरे में डाल दिए और तनिक भी इसका अभास नहीं हुआ।
दरअसल, हुआ यूं था कि वो घर की सफाई कर रही थी। उसके घर पर एक पर्श रखा हुआ था, जिसे उसने महज कचरा समझकर फेंक दिया था, चूंकि वो उसका इस्तेमाल काफी अर्से से नहीं कर रही थी तो सोचा कि इसे रखकर क्या करना है। सो इसे फेंकना ही मुनासिब समझा, लेकिन अपने इस मुनासिब भरे कदम पर उसे उस समय बहुत पछतावा हुआ, जब उसे पता लगा कि उसके उस फटे पुराने फर्श में तीन लाख रूपए की ज्वैलरी रखी हुई थी। जिसे उसने काफी पहले ही इस पर्श में अपनी बहू को देने के लिए रखे हुए थे। मगर, काफी दिनों से उसका इस्तेमाल न करने की वजह से उसे फेंक दिया। महिला का बेटा एक निजी में कंपनी में नौकरी करता है और बहुत जल्द ही उसकी शादी होने वाली थी।
इसके बाद महिला ने फौरन नगर निगम के कारिंदों से संपर्क साधा। अपने साथ हुए इस पूरे वाकये के बारे में निगम कर्मियों को बताया। इसके बाद नगम कर्मियों ने महिला से पूछा कि आखिर कब गाड़ी आई थी? कितने बजे ये कूड़ा तुमने फेंक था? प्राप्त हुई इन जानकारियों के आधार पर महिला निगम कर्मियों के साथ उस स्थान पर पहुंची, जहां पूरे शहर का कचरा डाला जाता है, जब महिला की नजर उस स्थान पर गई, जहां पूरे शहर कचरा रखा जाता है तो उसके होश फाख्ता हो गए। उसकी बची खुची उम्मीद धराशायी हो गई। उसे लगा कि अब उसका पर्श मिलने से रहा नहीं, मगर हेंमंत नाम के निगमकर्मी ने महिला से प्राप्त जानकारी के आधार पर कचरे को खोज निकाला।
निगमकर्मी हेंमत ने अपनी पूरी सूझबूझ का सहारा लेकर कचरे से उस महिला का पर्श ढूंढने लगा। लिहाजा, काफी मशक्कत के बाद उस महिला का पर्श मिल गया। वहीं, महिला को पर्श मिलने से बहुत खुशी हई। इसके बाद महिला ने हेंमत को इनाम देना चाहा, लेकिन हेंमत ने मना कर दिया। हेंमत ने कहा कि यह मेरा कर्तव्य है। मुझे अपने इस काम के बदले प्रतिमाह 18 हजार रूपए मिलते है, जिससे मैं बेहद खुश हूं।