ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना काल के बाद अब हम दूसरे युग में दस्तक दे चुके हैं। सभी के चेहरे पर मास्क वर्षों से चले आ रहे सामाजिक परिवर्तन के बीच अब कुछ लोग इसके नुकसान तो कुछ अब इसके फायदे भी गिना रहे हैं। ऐसे ही कुछ फायदे शुक्रवार को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जहां खुद के सरकार पर से भरोसा उठने की बात कही तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना काल में हुए वर्षों से चली आ रही रवायतों को ताक पर रखने के फायदे भी गिनाए।
सरकार पर से उठा भरोसा
उन्होंने कहा कि कोरोना काल अब लोग पहले से ज्यादा स्वावलंबन हो चुके हैं। इस दौर में काफी कुछ बदला है और काफी चीजों का बदलना बकाया है। खैर, बदलाव का यह सिलसिला जारी रहेगा मगर इस बीच उन्होंने अपने संबोधन में जिन-जिन विषयों को उद्धत किया उसकी चर्चा जोरो पर है। उन्होंने कहा कि अब हमें सामाजिक परिवर्तन के लिए सरकार के भरोसे पर नहीं बैठा जा सकता है। अगर हमें समाज में परिवर्तन की बयार बहानी है तो इसके लिए सरकार के भरोसे नहीं बैठा जा सकता है। भले ही संक्षिप्त शब्दों में लेकिन उन्होंने अपने दिल के सुरत-ए-हाल को शब्दों में बयां किया है। उन्होंने कहा कि अब हम सभी को समाज के अनसुलझे प्रशनों को तलाशने के लिए एकजुट होना पड़ेगा।
शाखा में हुआ बदलाव
इस बीच उन्होंने अपने शाखा में हुए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि अब हम इसको छोटे रूप में मैदान में लेकर जाएंगे। अब हम संघ के हर एक कार्य को वर्चुअल तरीके से मैदान में लेकर जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि समाज का हर तबका हर वर्ग संघ की शाखाओं से जुड़ सके। इस महामारी में भी हमारे कार्यकर्ता एक नई उर्जा के साथ काम कर रहे हैं। अब संघ के हर पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं को प्रत्यक्ष स्तर पर जमीनी पर स्तर लेकर आना है। अब हमें शाखाओं को छोटे-छोटे समूह में लेकर जाना है।