बाहुबली सांसद अफजल अंसारी( Afzal Ansari) , मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और करियर मेडिकल कालेज व डेंटल कालेज के मालिकों को फायदा पहुंचाने के आरोप में आईएएस गुरुदीप सिंह (IS Gurudeep Singh ) और राजीव शर्मा (Rajiv Sharma) को राजस्व परिषद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि इन दोनों अधिकारियों के कुछ विवादित फैसलों से यूपी सरकार की जबर्दस्त किरकिरी हुई थी जिसके बाद सरकार ने उक्त दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया। गौरतलब है कि गुरुदीप सिंह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (Gurudeep Singh Senior IAS Officer) और राजस्व परिषद के सदस्य (Members of Revenue Council) थे, जबकि राजीव शर्मा ( Rajiv Sharma) अभी कुछ समय पूर्व ही विशेष सचिव नगर विकास से राजस्व परिषद भेजे गये थे।
यहां बताते चलें कि राजस्व परिषद के सदस्य के पास न्यायिक अधिकार होता है और वह जमीन से जुड़े मामले की सुनवाई भी करते हैं, लेकिन इन दोनों अधिकारियों के कुछ विवादित फैसलों के कारण यूपी सरकार व जिला प्रशासन की काफी किरकरी हुई थी। मामले की जानकारी के बाद मंगलवार को इन दोनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से हटाकर यूपी सरकार ने प्रतिक्षारत कर दिया।
अन्य अधिकारियों को मिलेगा सबक
बताते चलें कि आईएएस व परिषद सदस्य गुरुदीप सिंह ने लखनऊ के तहसीलदार सदर न्यायिक और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सीतापुर के उस आदेश को ही निरस्त कर दिया था, जिसमें करियर मेडिकल व डेंटल कालेज (Career Medical College and Dental College) के सरकारी जमीन पर बने होने की रिपोर्ट दी गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ (Chief Minister Yogi Aditya Nath) के इस फैसले से अधिकारियों और यूपी के माफिया में यह संदेश अवश्य जायेगा कि प्रदेश सरकार अब उन अधिकारियों पर लगाम लगाएगी जिनका गठजोड़ गुंडा माफिया से है।